फतेह लाइव, रिपोर्टर.
जमशेदपुर का एक ऐसा विधानसभा क्षेत्र जहां सालों भर क्षेत्र के लोग पानी के लिए जद्दोजहद में जुटे रहते हैं. ऐसे में गर्मी के 3 महीने वहां पानी का लिए हाहाकार मचा रहता है. जी हां यह क्षेत्र पोटका विधानसभा के अंतर्गत बागबेड़ा हरहरगुट्टू, घाघीडीह और आस-पास के क्षेत्र की है. इसमें सबसे ज्यादा समस्या हरहरगुट्टू की है जहां भू जल 900 मीटर से भी ज्यादा नीचे चली गई है. ऐसे में चापाकल तो छोड़िए बोरिंग भी सही से काम नहीं करती है यही कारण है कि यहां सालों भर लोग क्षेत्र में लगे सरकारी पानी टंकी पर निर्भर हैं जहां प्रत्येक घर के लोगों को सवेरे से लेकर रात तक पानी की लाइन में खड़े रहना पड़ता है तब जाकर घंटों बाद चार गैलन पानी मिल पाती है, लेकिन यहां स्थिति तब विकराल रूप ले लेती है जब गर्मी शुरू होते है.
इसे भी पढ़ें : Jamshedpur : युवा मतदाता वर्ग को सौरव विष्णु में दिख रहा भविष्य के सपने को पूरा करने वाला सांसद
पानी की वजह से दांव पर लग जाती है नौकरी
गर्मी शुरू होते ही यहां कोहराम मच जाता है, क्योंकि प्रत्येक घर के लिए चार गैलन पानी काफी नहीं होता है. क्योंकि नहाने किचन और अन्य कार्य के लिए पानी की मांग बढ़ जाती है लेकिन इस टंकी में जितनी पानी होती है वह सबों के लिए गर्मी के समय काफी नहीं है ऐसे में अगर टंकी में पानी चढ़ाने वाली मोटर खराब हो जाए तो फिर क्षेत्र में दो दिनों के लिए त्राहिमाम की स्थिति उत्पन्न हो जाती है. लोग सरकारी विभाग के भरोसे ना रह कर खुद ही चंदा करके किसी तरह पानी शुरू करने की जुगत में लग जाते हैं. क्षेत्र के युवाओं का यह भी कहना है कि पानी की वजह से नौकरी भी दांव पर लग जाती है लेकिन इतनी समस्या होने के बावजूद भी स्थानीय लोगों का कहना है कि वोट के बाद एक बार भी स्थानीय विधायक या सांसद समस्या को देखने नहीं आए और ना ही किसी तरह से निदान हो पाया.
इसे भी पढ़ें : Jamshedpur : पिछले दस साल की एक भी उपलब्धि बताएं सांसद विद्युत – सुधीर कुमार पप्पू
10 साल में एक बार बस्ती में झांकने तक नहीं गए सांसद
यहां तक कि सांसद विद्युत वरण महतो पिछले 10 साल से पूर्वी सिंहभूम के सांसद रहे हैं और पुनः तीसरी बार चुनाव लड़ रहे हैं. इन दस सालों में एक बार भी इन्होंने हरहरगुट्टू बस्ती के इन समस्याओं के बारे में जानना तो दूर बस्ती में झांकने तक नहीं गए. अब जबकि लोकसभा चुनाव आ गया है. 25 मई को मतदान होना है तो पुनः घर-घर जाकर वोट मांगने का काम कर रहे हैं. इतना ही नहीं डीप बोरिंग की मांग के बावजूद किसी भी सरकारी विभाग के अधिकारी सर्वे तक करने नहीं आए हैं. ऐसे में लोग जनप्रतिनिधि के प्रति नाराजगी व्यक्त की है. वोट देने की सवाल पर उनका कहना था कि यह तो वोट के दिन है पता चल पाएगा की क्षेत्रवासी क्या निर्णय लेंगे.