फतेह लाइव, रिपोर्टर.
जमशेदपुर के बारीडीह गुरुद्वारा में प्रधान पद का विवाद आए दिन गहराता जा रहा है. गत दिनों हुए इतने बवाल के बाद जब चुनाव के लिए वोटर लिस्ट बनाई गई. संगत की आमसभा बुलाई गई. इतने कर्मकांड किये जाने के बाद भी गुरुवार को सीजीपीसी के दफ्तर में अवतार सिंह सोखी को प्रधान घोषित कर दिया गया. इसकी सूचना जब प्रतिद्वंद्वी गुट कुलदीप सिंह बुग्गे को हुई तो उनके होश उड़ गये. बुग्गे गुट भी हरकत में आए और सिदगोड़ा थाना मामला लेकर पहुंच गए. थाना से निकलकर बारीडीह में बुग्गे ने प्रेस को बयान देते हुए बड़ा आरोप लगाया कि सीजीपीसी प्रधान भगवान सिंह की गैर मौजूदगी में शैलेंद्र सिंह ने सीजीपीसी संविधान की धज्जियां उड़ाने का काम किया है.
बुग्गे का दावा है कि सीजीपीसी संविधान में साफ दर्ज है कि दो साल तक अमृतपान की प्रक्रिया सुचारू निभाने वाला व्यक्ति ही प्रधान बन सकता है. बुग्गे ने शैलेंद्र के साथ महासचिव अमरजीत सिंह, कार्यवाहक प्रधान नरेंद्रपाल सिंह भाटिया पर आरोप लगाये कि साजिश के तहत उन्होंने सोखी को प्रधान बनाने की घोषणा की. इसका वे बड़े पैमाने पर विरोध करेंगे. शुक्रवार को जिला प्रशासन के ध्यानार्थ मामला देंगे. अगर वहां से भी उन्हें इंसाफ नहीं मिला तो वह किसी भी हद तक जायेंगे और अगर कुछ अनहोनी होती है तो उसकी जिम्मेवार सीजीपीसी ही होगी.
आखिर सोखी के साथ क्या है लोभ
बुग्गे ने कहा कि धार्मिक स्क्रूटनी में हम दोनों उम्मीदवारों को फेल कर दिया गया था. शैलेंद्र सिंह ने सोखी को सेंटिंग से पटना साहेब भेजा. वह भी गए थे. इस बीच सीजीपीसी से बात चल रही थी कि बीच का रास्ता निकाला जायेगा तो फिर ऐसा सोखी के पक्ष में क्या लोभ है कि संविधान और बातों को दरकिनार कर दिया गया. बुग्गे ने यह भी दावा किया है कि वह गुरमुखी जानते हैं. उनके खिलाफ शैलेंद्र सिंह अनर्गल बयानबाजी कर रहे हैं.
उन्होंने 10 सालों से अमृतपान किया है. उनके सामने सोखी चीनी कम हैं. बुग्गे ने यह भी कहा कि जब वे स्क्रूटनी में फेल हो गये थे तो प्रधान कुलविंदर सिंह को उनके पद पर बने रहने भी नहीं देना चाहते. यहां शैलेंद्र सिंह जातिवाद कर रहे हैं. वह जानते हैं कि चुनाव हुआ तो सोखी को हार का मुंह देखना पड़ेगा, सो ऐसी राजनीति कर संगत को गुमराह किया जा रहा है. प्रेस कांफ्रेंस में बुग्गे के साथ सीजीपीसी के पूर्व महासचिव जसवंत सिंह भोमा, बारीडीह के पूर्व प्रधान करतार सिंह, हरजिंदर सिंह रिंकू, निर्मल सिंह, गुरदयाल सिंह, सेवक सिंह, अमृत सिंह, हरभजन सिंह, सतनाम सिंह, परमजीत सिंह सरली आदि शामिल थे.