4 अगस्त को साकची गुरुद्वारा में होगा फाइनल मुकाबला, कीर्तन प्रतिभागियों के विजेता को मिलेगा नगर पुरुस्कार, धार्मिक प्रश्नोत्तरी मुकाबले के विजेताओं को भी किया जाएगा पुरुस्कृत






































फतेह लाइव, रिपोर्टर.
सिख युवा पीढ़ी को गुरु के उपदेशों और सिख इतिहास से जोड़े रखने के उद्देश्य से जमशेदपुर में “गावहो सच्ची बाणी” कीर्तन और सिख इतिहास मुकाबला-2024 की तैयारी पूरी कर ली गई है. जमशेदपुर में हिंदी के साथ गुरमुखी भाषा में प्रसारित होने वाले पहले न्यूज पोर्टल फतेह लाइव के बैनर तले 28 जुलाई दिन रविवार को बिष्टुपुर जी टाउन गुरुद्वारा में कीर्तन मुताबले का ऑडिशन एवं सिख इतिहास से संबंधित लिखित परीक्षा ली जाएगी.
दोनों ही प्रतियोगिता परीक्षा सुबह ठीक 10 बजे शुरु हो जाएगी. उससे पहले प्रतिभागियों को 9.30 बजे बिष्टुपुर गुरुद्वारा पहुंचना अनिवार्य किया गया है, ताकि फार्म की प्रक्रिया को पूरा कर लिया जाए. आयोजनकर्ताओं ने जमशेदपुर की सिख संगत के साथ-साथ गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटियों से भी अपील की है कि इस आयोजन से अपने क्षेत्र के बच्चों को जोड़ने में भूमिका निभाएं तांकि आने वाली पीढ़ी में सिख इतिहास का ज्ञान बना रहे.
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आयोजनकर्ताओं के मुताबिक लिखित परीक्षा में केवल और केवल अकाल रहित की मर्यादा के अनुसार ही आसान से प्रश्न पूछे जाएंगे. दोनों ही ग्रुप के लिए प्रश्नपत्र 60 मार्कस का रहेगा. इसके साथ ही अगर कोई प्रतिभागी किसी कारण वश फार्म नहीं भर सके हैं तो बिष्टुपुर गुरुद्वारा में समय से पहुंचकर अपना फार्म भर सकते हैं.
कीर्तन मुकाबले के लिए 100 रुपये, जबकि लिखित परीक्षा के लिए 50 रूपये रजिस्ट्रेशन शुल्क रखा गया है. इस प्रतियोगिता को सफल करने में बिष्टुपुर जी टाउन गुरुद्वारा प्रधान प्रकाश सिंह एंड टीम अपना बहूमूल्य सहयोग दे रही है. परीक्षा के बाद प्रतिभागियों और उपस्थित संगत के बीच गुरु का अटूट लंगर भी वितरित किया जाएगा. कार्यक्रम की सफलता को लेकर चरणजीत सिंह, इंदरजीत सिंह इंदर, बलजीत संसोआ, रंजीत सिंह मोनू, हरविंदर सिंह, ज्ञानी मनप्रीत सिंह, सिमरन भाटिया, अमन, बीबी सुरजीत कौर, बीबी परमजीत कौर, बीबी जसविंदर कौर आदि भूमिका निभा रहे हैं.
साकची गुरुद्वारा में 4 अगस्त को फाइनल, लुधियाना से आएंगी जज और अन्य
इस गुरवाणी प्रतियोगिता के फाइनल मुकाबले में 4 अगस्त को जवद्दी टकसाल लुधियाना से प्रशिक्षण प्राप्त बीबी सिमरन कौर जज की भूमिका निभाएंगी. साथ ही तख्त पटना साहेब के हजूरी रागी भाई ज्ञान सिंह भी मौजूद रहेंगे. ज्ञानी सुच्चा सिंह, पंजाब मेहता चौक वाले (बाबा बूढा जी के वंश) भी संगत को दर्शन देंगे और गुरु के उपदेशों से संगत को निहाल करेंगे. उनके साथ वरीय ग्रंथी को सहयोग में लिया जाएगा, जो गुरवाणी का उच्चारण देखेंगे. इस दौरान बीबी सिमरन कौर के साथ ही तख्त पटना साहिब हरमंदिर जी के हजूरी रागी भी इस आयोजन में संगत को गुरवाणी के उपदेशों से निहाल करेंगे. गुरवाणी कीर्तन मुकाबले में श्री गुरुग्रंथ साहिब के 31 राग आधारित गुरवाणी शबद गायन किये जाएंगे. प्रतिभागियों का ताल, सूर और गुरवाणी उच्चारण को सुनकर जजमेंट लिया जाएगा.
सिख इतिहास मुकाबले का यह होगा पैटर्न
इतिहास मुकाबले में 10 से 20 और 21 से 40 तक की उम्र के प्रतिभागी शामिल हो सकते हैं. पहले ग्रुप के प्रतिभागियों से आठवी पाताशी श्री गुरु हरकिशन साहिब जी, जपुजी साहेब और रहिरास के पाठ से संबंधित प्रश्न पूछे जाएंगे. वहीं, दूसरे ग्रुप में सातवीं पाताशाही गुरु हरिराय जी से नौवीं पाताशी गुरु तेग बहादुर जी के इतिहास और जाप साहिब, अनंद पाठ साहेब और सुखमणि साहेब के पाठ से संबंधित प्रश्न किये जाएंगे.
विजेता बच्चों को किया जाएगा पुरुस्कृत
कीर्तन मुकाबले में भाग लेकर बेहतर रिजल्ट लाने वाले प्रतिभागियों को नगद इनाम देकर साथ ही सर्टिफिकेट प्रदान कर पुरुस्कृत किया जाएगा. कीर्तन के दोनों ग्रुपों में प्रथम प्राइज 31 सौ, सेकेंड 21 सौ और थर्ड प्राइज 11 सौ रुपये रखा गया है. इतिहास मुकाबले के विजेताओं को ईनाम दिये जाएंगे. इसके अलावा सभी को सांत्वना पुरुस्कार देकर उनका भी हौंसला बढ़ाया जाएगा. कार्यक्रम में सहयोगी संस्था के रूप में सेंट्रल सिख नौजवान सभा, सिख यूथ ब्रिगेड और हरि की उस्तत भी अपनी सेवा दे रहे हैं, जबकि विशेष रूप से साकची और बिष्टुपुर गुरुद्वारा योगदान निभा रहे हैं.
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