फतेह लाइव, रिपोर्टर.
जमशेदपुर में 27 जुलाई 2024 की सुबह-सुबह बागबेड़ा थाना क्षेत्र अंतर्गत टाटानगर रेलवे स्टेशन पार्किंग विवाद में थानेदार तो विवाद के केंद्र में रहे ही और मुंशी ने भी कोई कोर कसर नहीं छोड़ी है. 30 जुलाई 2024 को बागबेड़ा थाना प्रभारी की कार्यशैली को अपने शिकायत पत्र के माध्यम से डीएसपी लॉ एंड ऑर्डर को लिखित रूप में दे चुकी 78 वर्षीय हांसी बनर्जी ने मुंशी की भी शिकायत की है.
यह भी पढ़े : ਹਮਾਸ ਦੇ ਚੋਟੀ ਦੇ ਰਾਜਨੀਤਿਕ ਨੇਤਾ, ਇਸਮਾਈਲ ਹਨੀਹ ਦਾ ਈਰਾਨ ਵਿੱਚ ਕੀਤਾ ਗਿਆ ਕਤਲ
हांसी बनर्जी ने अपनी उम्र का हवाला देते हुए कहा कि इस मामले में पुलिस की भूमिका मानवता को शर्मसार कर देने वाली है. उन्होंने लिखा है कि बागबेड़ा थाना के मुंशी ने शिकायत दर्ज करने पर उल्टे हमें ही डांट फटकार लगाई और दुर्व्यवहार किया है. उन्होंने पत्र में कहा कि हमें न सिर्फ डांट फटकार लगाई बल्कि थाना से भी भगाया गया जिससे मुझे गहरा आघात लगा है.
एक ओर राज्य के मुख्यमंत्री से लेकर पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों तक का हमेशा मीडिया में बयान आता रहता है कि हम पिपुल फ्रेंडली पुलिसिंग देना चाहते हैं तो दूसरी ओर ऐसे ही कुछ पदाधिकारी हैं जो इस मंशा पर पानी फेरने में दिन-रात पसीना बहा रहे हैं. हाल ही में नये डीजीपी अनुराग गुप्ता ने भी पदभार ग्रहण करते ही पिपुल फ्रेंडली पुलिसिंग की बात कही है लेकिन अक्सर होता ठीक विपरीत ही है. बस ऐसा ही कुछ बागबेडा़ थाना का मामला भी सिस्टम की विफलता और लापरवाहियों का ही नतीजा है. हालांकि इस प्रकरण में हांसी बनर्जी ने कल्लू की शिकायत नहीं की है लेकिन दूसरे पीड़ित पक्ष तौहिद अहमद ने सिटी एसपी को फोन पर जबकि डीएसपी और बागबेड़ा थाना प्रभारी को मिलकर कल्लू की दलाली की दास्तान सुनाई है.
फिर इसकी शिकायत सबसे पहले डीएसपी लॉ एंड ऑर्डर को की लेकिन जब देर शाम तक कोई कार्रवाई नहीं हुई तो समाजसेवी पत्रकार प्रीतम भाटिया के कहने पर सिटी एसपी को फोन करके पूरा मामला बताया. हैरानी की बात है कि इस मामले में पुलिस के आला अधिकारियों को व्हाट्सएप पर एक पत्रकार संगठन AISMJWA के राष्ट्रीय महासचिव प्रीतम सिंह भाटिया के मैसेज का भी असर 6-7 घंटे बाद हुआ. आखिर पुलिस को सूचना के घंटों बाद तक भी खामोशी क्यों बनी रही? प्रीतम भाटिया का फोन डीएसपी और इंस्पेक्टर क्यों नहीं उठा रहे थे?
सीसीटीवी फुटेज में मारपीट की पुष्टि हो चुकी है?
टाटानगर रेलवे स्टेशन पार्किंग कर्मचारियों और ऑटो चालकों की गुंडागर्दी का सारा सीसीटीवी फुटेज कैमरे से बाहर निकल आए तो आतंक मचाने वालों की हिम्मत और सेटिंग-गेटिंग का खुलासा होगा.हालांकि इस तकनीकी मुद्दे पर भी जमशेदपुर पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों के हस्तक्षेप के बिना काम नहीं बनेगा.
सूत्रों की मानें तो फुटेज में तौहिद अहमद के कार चालक अहमद रजा के साथ मार-पीट व दुर्व्यवहार की पुष्टि सीसीटीवी फुटेज में हो चुकी थी. इसके बावजूद कोई कार्रवाई नहीं कर उल्टे अहमद को ही 15 घंटे तक बागबेड़ा थाना के हाजत में बंद रखा गया वह भी भूखे-प्यासे. जब उच्च अधिकारियों तक पैरवी और शिकायतें जाने लगी तो थाना से लेकर पार्किंग कर्मचारियों तक के बीच हलचल तेज हो गई.
यही कारण है कि आरोपियों को पुलिस ने ही हांसी बनर्जी के घर भेजकर मामला मैनेज करने को कहा, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी. इधर घटना के 24 घंटे बीत जाने के बाद पार्किंग से बंधक रखी कार कार को छोड़ने के एवज में टूर एंड ट्रेवल्स के मालिक तौहिद अहमद और उनके ड्राइवर अहमद रजा को भी थाने में काफी मान-मनौव्वल किया गया ताकि शिकायतों का सिलसिला थम जाए. अब देखने वाली बात होगी कि इस मामले को लेकर सिटी एसपी और डीएसपी लॉ एंड ऑर्डर दोषियों पर कैसे कार्रवाई करते हैं? हालांकि डीएसपी ने कहा है कि जांच चल रही है. दोषी पर कार्रवाई की जाएगी.