फतेह लाइव रिपोर्टर
घाटशिला स्थित संत नंदलाल स्मृति विद्या मंदिर के प्रांगण में “राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस” बड़े उत्साह के साथ मनाया गया। कार्यक्रम की शुरुआत प्रार्थना सभा के साथ हुई। प्रधानाचार्या नीलकमल सिन्हा ने छात्रों को संबोधित किया, और हमारे देश के भविष्य को आकार देने में अंतरिक्ष अन्वेषण के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने छात्रों को अपने शैक्षणिक प्रयासों में उत्कृष्टता की आकांक्षा रखने के लिए प्रेरित किया, विशेष रूप से विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में। विद्यालय प्रबंधक, डॉ. प्रसेनजीत कर्मकार ने छात्रों को देश की उपलब्धियों पर गर्व करने के लिए प्रोत्साहित किया।
उनके संबोधनों के पश्चात् , समारोह आकर्षक गतिविधियों की एक श्रृंखला के साथ जारी रहा। शिक्षिका सुषमा बिषई ने अंतरिक्ष में भारत की उल्लेखनीय उपलब्धियों, विशेष रूप से इसरो के महत्वपूर्ण योगदान पर प्रकाश डालते हुए भाषण दिया। इसके अतिरिक्त, बारहवीं कक्षा के छात्र तरुण साहू ने भी युवा पीढ़ी के उत्साह को दर्शाते हुए भाषण दिया।कक्षा आठवीं के छात्रों को भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस के लिए लॉन्च किया गया एक विशेष वीडियो दिखाया गया। तत्पश्चात छात्रा मेघा शर्मा और छात्र अविनाश साव के साथ एक संवादात्मक सत्र आयोजित किया गया। इन्हें युविका कार्यक्रम के तहत इसरो जाने का अवसर मिला था।
दोनों ने अपने अनुभव और अंतर्दृष्टि विद्यार्थियों के साथ साझा की। कक्षा सातवीं के विद्यार्थियों ने अंतरिक्ष पर एक रोचक प्रश्नोत्तरी में भाग लिया, जबकि कक्षा नौवीं के विद्यार्थियों ने “भारत की अंतरिक्ष यात्रा: इसरो की उपलब्धि ” विषय पर एक चित्रकला प्रतियोगिता में अपनी कलात्मक प्रतिभा का प्रदर्शन किया। कक्षा छठवीं से बारहवीं तक के विद्यार्थियों ने एक विशेष प्रदर्शनी देखी जिसमें चंद्रयान, आदित्य एल1 और विक्रम लैंडर I के मॉडल के साथ-साथ उनके साथियों द्वारा बनाए गए अंतरिक्ष से संबंधित अन्य मॉडल भी शामिल थे। इन परियोजनाओं में योगदान देने वाले विद्यार्थी अविनाश साव , आरूष संतोष ठाकुर, सचेत अग्रवाल, कृष्णा अग्रवाल, श्रेया महापात्रा, नारायण पात्रा और रुद्र मजूमदार थे।
उनका काम उनकी रचनात्मकता और अंतरिक्ष विज्ञान की समझ का प्रमाण था। कक्षा आठवीं के दो विद्यार्थियों जिग्नेश शिव और कौशिक इंद्री ने अंतरिक्ष यात्री की वेशभूषा धारण करके अपने साथी विद्यार्थियों को एक रोचक और मनोरंजक अनुभव प्रदान किया। इस कार्यक्रम की सफलता सभी विज्ञान शिक्षकों के सामूहिक प्रयासों का परिणाम थी, जिसमें सुषमा बिषई , सुबाहु शेखर जाना, स्वराज राणा, श्रीमती फरजाना परवीन, इंदु कुमारी, सुमिता भट्टाचार्य, तपन महाता, एस सोखी , सोमनाथ दे अर्पिता गोस्वामी,अर्पा भट्टाचार्य, गुरदीप कौर, संध्या मिश्रा, सास्वती रॉय पटनायक शामिल थे। कार्यक्रम का समन्वयन अनूप कुमार पटनायक ने किया।