बलविंदर सिंह और निर्मल सिंह भी खालसा सजे

फतेह लाइव, रिपोर्टर.

बारीडीह गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी चुनाव प्रत्याशी सरदार कुलदीप सिंह दोबारा अमृतपाण करके गुरु वाले बन गए हैं। अपनी भूल बख्शा ली है। सिखों के महान तख्त हरमंदिर जी पटना साहिब के जत्थेदार एवम हेड ग्रंथी सिंह साहिब ज्ञानी बलदेव सिंह ने तनख्वाह (धार्मिक सजा) पूरी करने के बाद सिरोपा देकर सम्मानित किया। इससे पहले उन्हें चौपाई शाह के पाठ 51 बार करने, आधा घंटा जोड़े घर और आधा घंटा लंगर घर में सेवा करने तथा ₹501 की रसीद कटाने की तनख्वाह लगाई गई। बारीडीह की प्रधानगी पद की धार्मिक परीक्षा में उनके विरोधियों ने कुछ आरोप लगाए थे।

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उन्होंने जत्थेदार को लिखित रूप से अज्ञानता में बताई और दंड लगाने का आग्रह किया। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि वह अब गुरुमुखी पर ज्यादा ध्यान देंगे। उन्होंने अपने नितनेमी होने का भी दावा किया और पांच प्यारों के सम्मुख पेश हुए। कुलदीप सिंह के अनुसार उसके खिलाफ विरोधियों ने झूठे आरोप लगाए हैं।

जत्थेदार सिंह साहब बलदेव सिंह के साथ ही एडिशनल हेड ग्रंथी भाई दिलीप सिंह, सीनियर मीत ग्रंथी भाई परशुराम सिंह, मीत ग्रंथी भाई जसवंत सिंह, मीत ग्रंथी भाई अमरजीत सिंह ने पंथिक कार्रवाई की। कुलदीप सिंह के अतिरिक्त बारीडीह गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के पूर्व प्रधान सरदार बलविंदर सिंह एवं टीनप्लेट कमेटी के पूर्व ओहदेदार सरदार निर्मल सिंह ने भी अमृतपाण किया और खालसा सज गए।

 

 

 

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