दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने कैंसर जैसी गंभीर बीमारी के नकली दवाइयों के अंतरराष्ट्रीय रैकेट का भंडाफोड़ किया है. जिसमें तकरीबन 4 करोड रुपए के नकली दवाओं के साथ दिल्ली हरियाणा गुरुग्राम आदि जगहों से सात लोगों को गिरफ्तार किया गया है.
मीडिया में आ रही खबरों के मुताबिक इस रैकेट में दिल्ली के एक बड़े कैंसर अस्पताल के दो कर्मचारी भी कथित रूप से शामिल बताए जा रहे हैं. जिन्हें गिरफ्तार किया गया है.
रिपोर्ट्स के मुताबिक गिरफ्तार आरोपियों के पास से कैंसर की कुल नौ ब्रांड्स की नकली दवाइयां बरामद की हैं. इनमें से सात दवाइयां विदेशी ब्रांड्स की जबकि दो भारत में बनाई जाने वाली नकली दवाइयां हैं.
हरियाणा बिहार झारखंड नेपाल या अफ्रीकी देशों से दिल्ली आने वाले मरीज टारगेट पर रहते थे
पुलिस के मुताबिक आरोपी अस्पताल में मरीजों को कीमोथेरेपी में इस्तेमाल में लाए जाने वाले इंजेक्शंस की खाली शीशी जुटाते थे, फिर उन शीशियों में एंटी फंगल दवा भरकर बेचते थे. आरोपियों के टारगेट पर दिल्ली के बाहर से आने वाले मरीज होते थे, खासतौर से हरियाणा, बिहार, नेपाल या फिर अफ्रीकी देशों से आने वाले मरीजों को वे अपना शिकार बनाते थे.
सात आरोपियों में विफल जैन, सूरज शत, नीरज चौहान, परवेज, कोमल तिवारी, अभिनय कोहली और तुषार चौहान शामिल हैं. इनमें से नीरज गुरुग्राम का रहने वाला है जबकि बाकी के छह दिल्ली के अलग अलग इलाकों के रहने वाले हैं.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक क्राइम ब्रांच की विशेष आयुक्त शालिनी सिंह ने बताया कि उनकी टीम को जानकारी मिली है कि दिल्ली में एक गैंग एक्टिव है, जो कैंसर की नकली दवाइयां मरीजों को सप्लाई कर रहा है. इसके बाद आरोपियों को पकड़ने के लिए एक स्पेशल टीम बनाई गई.
क्राइम ब्रांच की टीम ने जब जांच आगे बढ़ाई तो उन्हें चार अलग-अलग जगह की जानकारी मिली, जहां से इस नेटवर्क को चलाया जा रहा था. पुलिस ने चारों जगह पर एक साथ छापेमारी की योजना बनाई ताकि आरोपियों को संभलने का मौका नहीं मिले. इन जगहों में दिल्ली के मोती नगर का डीएलएफ कैपिटल ग्रीन्स, गुड़गांव का साउथ सिटी, दिल्ली का यमुना विहार शामिल था.
कैंसर की दवा की शीशियों एंटी फंगल दवा भरकर बेचते थे
दिल्ली पुलिस की टीम ने डीएलएफ कैपिटल ग्रीन्स में छापेमारी की, जो इस रैकेट का सबसे महत्वपूर्ण ठिकाना था. पुलिस के मुताबिक यहां पर विफल जैन कैंसर की नकली दवाइयां को बनाता था. विफल ही इस पूरे गैंग का सरगना भी था. पुलिस के मुताबिक इसने डीएलएफ ग्रीन्स में दो ईडब्ल्यूएस फ्लैट्स किराए पर ले रखे थे. यहां पर ये कैंसर की दवा की खाली शीशियों में नकली दवाई भर देता जबकि इसका साथी सूरज इन दोबारा भरी गई शीशियों को अच्छे तरीके से पैक करता था ताकि किसी को शक ना हो.पुलिस ने यहां से ऐसी 140 शीशियां बरामद की. इन शीशियां पर ओपडाटा, कीट्रूडा, डेक्सट्रोज, फ्लुकोनाज़ोल ब्रांड नाम लिखा था. इन ब्रांड्स की शीशी को इकट्ठा करके उनके अंदर नकली कैंसर इंजेक्शन भर देते थे. जांच में पता चला कि इन शीशियों में एंटी फंगल दवा होती थी.
ये सामानों की हुई जब्ती
पुलिस ने इस जगह से 50 हजार कैश, 1000 अमेरिकी डॉलर, शीशी की कैप को सील करने वाली तीन मशीन, एक हीटगन मशीन और 197 खाली शीशी बरामद की है. इसके साथ ही पैकेजिंग से जुड़े और भी नकली सामान पुलिस ने बरामद किए हैं, जो नकली भरी शीशियां बरामद की गई हैं, उनकी कीमत एक करोड़ 75 लाख है.
कैंसर की नकली दवाओं की 137 शीशियां बरामद
वहीं, जब पुलिस की टीम साउथ सिटी गुड़गांव पहुंची तो वहां एक फ्लैट के अंदर से नीरज चौहान को पुलिस ने बड़ी मात्रा में कैंसर की नकली दवाओं के इंजेक्शन और शीशियों के साथ गिरफ्तार किया. पुलिस ने छापेमारी के दौरान उसके पास से कैंसर की नकली दवा के 137 इंजेक्शन बरामद किए, जो कई नामी-गिरामी ब्रांड्स Keytruda, Infinzi, Tecentriq, Perjeta, Opdyta, Darzalex & Erbitux की शीशियों में थे. इसके अलावा पुलिस ने Keytruda, Infinzi, Tecentriq, Perjeta, Opdyta, Darzalex & Phesgo ब्रांड्स की 519 खाली शीशी बरामद की है. पुलिस ने 864 खाली पैकेजिंग बॉक्स भी बरामद किए हैं. नीरज चौहान से पूछताछ के बाद पुलिस ने उसके चचेरे भाई तुषार चौहान को भी गिरफ्तार कियाहै. तुषार चौहान इस सप्लाई चेन का हिस्सा था.
दिल्ली पुलिस के मुताबिक, आरोपियों के पास से 137 भरी हुई शीशियां जो बरामद हुई है. यह साथ अलग-अलग अंतरराष्ट्रीय ब्रांड की है, जिनकी कीमत दो करोड़ 15 लाख रुपए है. इनके नाम कीट्रूडा, इन्फ़िनज़ी, टेसेंट्रिक, पेरजेटा, ओपडाटा, डार्ज़लेक्स और एर्बिटक्स है. पुलिस ने इनके पास से 89 लख रुपए कैश और 1800 अमेरिकी डॉलर भी बरामद किया है. इतना ही नहीं नीरज ने कैश काउंटिंग मशीन भी रखी हुई थी जिसे पुलिस ने जब्त कर लिया है.
गाजियाबाद में फेक मेडिसिन गैंग का भंडाफोड़
इससे पहले दिल्ली के पास गाजियाबाद में एक फैक्ट्री पर रेड के दौरान नकली दवा बनाने वाले एक गैंग का भंडाफोड़ हुआ था. LED Bulb की इस फैक्ट्री में हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज और Antacid की नकली दवाइयां बनाकर बाजारों में बेची जा रही थीं. दिल्ली पुलिस की ‘क्राइम ब्रांच’ ने इस फैक्ट्री और गोदाम से एक करोड़ 10 लाख रुपये की नकली दवाइयां बरामद की थी.
ब्रांडेड दवाइयां को कॉपी करके बनाते थे नकली दवाइयां
पुलिस का कहना था कि इस फैक्ट्री में ब्रांडेड दवाइयों को कॉपी करके नकली दवाइयां बनाई जा रही थीं. ये सारी वो दवाइयां थीं, जिनकी भारत में सबसे ज्यादा बिक्री होती है.