फतेह लाइव, रिपोर्टर.
शनिवार को जमशेदपुर में लोकसभा चुनाव के छठे चरण के तहत वोट डाला गया. आम से लेकर खास तक अपने मताधिकार का प्रयोग करते देखा गया. सुबह से ही मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करने मतदान केंद्रों में पहुंचे. दोपहर एक बजे तक जमशेदपुर में 43.44 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया. इस बीच घाटशिला विधानसभा के धालभूमगढ़ के बूथ संख्या 154 में 11 बजे तक एक भी मतदान नहीं हुआ. वोटिंग नहीं होने की सूचना पर कई आला अधिकारी मतदान केंद्र पहुंचे. खबर के मुताबिक धालभूमगढ़ कनास पंचायत के बूथ संख्या 154 में दिन के 11 बजे तक एक भी मतदान नहीं हुआ.
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बूथ संख्या 154 में कुल मतदाताओं की संख्या 1069 है
यूएमएस छोडिया 154 में कुल मतदाताओं की संख्या 1069 है. जिनमें महिला 522 व पुरुष मतदाता 547 हैं. इधर मतदान शुरू नहीं होने की खबर मिलते ही सीओ समीर कश्यप, धालभूमगढ़ थाना प्रभारी राजेंद्र मुंडा, बीडीओ बबली कुमारी, डीसीएलआर मतदान केंद्र पहुंचकर मतदाताओं की खोजबीन की. वोट बहिष्कार को लेकर यहां बूथ पर सन्नाटा पसरा रहा. इक्के दुक्के लोग ही नजर आए जो यहां पहुंचे. सरकारी पदाधिकारी भी कुछ नहीं बता रहे. बता दें कि पिछले दिनों छोड़िया व छबिसा के ग्राम प्रधान ने संयुक्त रूप से ग्रामीणों संग बैठक की थी. ग्रामीणों ने पंपू घाट में पुल निर्माण, नरसिंहगढ़ रेलवे फाटक से छबिसा तक सड़क निर्माण की मांग को लेकर वोट बहिष्कार का निर्णय लिया था.
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साढ़े ग्यारह बजे तक नहीं पड़ा था एक भी वोट
ग्रामीणों के वोट देने नहीं आने की सूचना पर अधिकारी बूथ पर पहुंचे. लेकिन वहां मतदाता नहीं मिले. गांव में बीएलओ को भेजकर मतदान केंद्र पहुंचने की अपील की गई फिर भी मतदाता वोट देने नहीं पहुंचे. फिलहाल साढ़े 11 बजे तक यहां ग्रामीण वोट देने नहीं पहुंचा. जिससे प्रशासनिक अधिकारी परेशान दिखे. अधिकारी ग्राम प्रधान के घर भी पहुंचे. लेकिन ग्राम प्रधान अपने घर पर नहीं मिले. बता दें कि पिछले दिनों जब ग्रामीणों ने वोट बहिष्कार का निर्णय लिया था तो एसडीओ और एसडीपीओ ने गांव पहुंचकर ग्राम प्रधान और ग्रामीणों संग बैठक कर उन्हें समझाया था. ग्रामीणों को मतदाता शपथ भी दिलाया गया था. बावजूद इसके मतदान के दिन ग्रामीण बूथ पर नहीं पहुंचे.