फतेह लाइव, रिपोर्टर.
झालसा, रांची के निर्देशानुसार एवं प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकार (प्रभार), गिरिडीह के मार्गदर्शन में रविवार को केंद्रीय कारा, गिरिडीह में काराधीन बंदियों के बीच जेल अदालत -सह- विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया।इस जेल अदालत सह विधिक जागरूकता कार्यक्रम में सचिव महोदया (प्रभार), जिला विधिक सेवा प्राधिकार, गिरिडीह, के मार्गदर्शन में कानूनी सहायता रक्षा परामर्श प्रणाली, गिरिडीह, नजमुल हसन, फैयाज अहमद, पुरुषोत्तम कुमार, सहायक कानूनी सहायता रक्षा परामर्श प्रणाली, गिरिडीह उपस्थित थे।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कानूनी सहायता रक्षा परामर्श प्रणाली, गिरिडीह नजमुल हसन, फैयाज अहमद, पुरुषोत्तम कुमार, सहायक कानूनी सहायता रक्षा परामर्श प्रणाली, गिरिडीह ने जिला विधिक सेवा प्राधिकार, गिरिडीह के द्वारा बंदियों को प्रदान किए जाने वाले विभिन्न विधिक सहायता के बारे में बतलाते हुए कहा कि नालसा, नई दिल्ली एवं झालसा, रांची के द्वारा काराधीन बंदियों के लिए विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम समय-समय पर चलाए जा रहे हैं, जिनके माध्यम से उन बंदियों को उचित विधिक सहायता प्रदान की जाती है।
इसी के तहत प्रत्येक महीने जेल अदालत का आयोजन किया जाता है। जिला विधिक सेवा प्राधिकार के माध्यम से कारा में संसीमित बंदियों को निरंतर विधिक सहायता उपलब्ध कराने के उद्देश्य से बंदियों के बीच से ही पारा लीगल वॉलिंटियर्स की नियुक्ति की गई है, जो निरंतर बंदियों के संपर्क में रहकर उनकी समस्याओं को कारा प्रशासन के माध्यम से जिला विधिक सेवा प्राधिकार तक पहुंचाते हैं।
जहां जिला विधिक सेवा प्राधिकार, गिरिडीह के द्वारा त्वरित संज्ञान लेते हुए उनकी समस्याओं का समाधान करने की दिशा में कार्य किया जाता है। वैसे बंदीगण जो स्वयं के खर्च पर अपना अधिवक्ता रख पाने में असमर्थ हैं, उनके लिए सर्वोच्च न्यायालय, नई दिल्ली के निर्देश पर लीगल एड डिफेंस काउंसिल के तहत अधिवक्ताओं की प्रतिनियुक्ति की गई है, जो उन बंदियों के केस में संबंधित न्यायालय में निरंतर पैरवी करते हैं। बंदियों के मामलों की निरंतर मॉनिटरिंग भी जिला विधिक सेवा प्राधिकार, गिरिडीह के माध्यम से की जाती है।
कानूनी सहायता रक्षा परामर्श प्रणाली, गिरिडीह में जितने मुकदमा आये है संबंधित मुदालय को उसके मुकदमा के बारे में विस्तृत विवरण दिया गया। जिला विधिक सेवा प्राधिकार गिरिडीह के द्वारा जेल में प्रतिनियुक्त पारा लीगल वालंटियर्स को भी इस संबंध में आवश्यक दिशा निर्देश देते हुए आम बंदियों के बीच निरंतर जागरूकता कार्यक्रम संचालित करने का निर्देश दिया। साथ ही जेल पीएलबी को यह निर्देश भी दिया गया, कि इस कारा में कोई भी बंदी अपने कानूनी अधिकारों से वंचित नहीं रहे।
इसके लिए वे सभी निरंतर आम बंदियों से संपर्क में रहें, यदि किन्हीं को निःशुल्क अधिवक्ता की आवश्यकता हो तो उसका आवेदन तुरंत कारा प्रशासन के माध्यम से जिला विधिक सेवा प्राधिकार गिरिडीह के ईमेल आईडी तथा कार्यालय में भेजें। उन बंदियों को तत्काल विधिक सहायता के तौर पर निःशुल्क अधिवक्ता प्रदान किया जाएगा। इस कार्यक्रम को सफल बनाने में जेल पीएलबी एवं जेल कर्मियों की भूमिका सराहनीय रही।