फतेह लाइव, रिपोर्टर






































उलीडीह थाना क्षेत्र में साइबर ठगी के आरोपियों को जमशेदपुर कोर्ट ने 10 साल बाद साक्ष्य के आभाव में बरी कर दिया. मामले की सुनवाई करते हुए एडीजे 2 आभाष वर्मा ने आरोपी राकेश यादव, संजीत सिकधर और एनएस लक्ष्मण को दोष मुक्त कर दिया. इस संबंध में 24 मई 2024 को उलीडीह थाना में आरोपियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी. मामले में कुल 3 लोगों की ही गवाही हुई थी. बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता विद्या सिंह ने पैरवी की. बता दे कि तीनों आरोपी उलीडीह स्थित एक कॉल सेंटर में काम करते थे. जहां से उनपर साइबर ठगी करने का आरोप लगा था.
नाबालिग के अपहरण का आरोपी बरी
टेल्को थाना क्षेत्र से नाबालिग को बहला-फुसलाकर अपहरण करने के आरोपी मनीष सिंह को अदालत ने साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया. मामले की सुनवाई एडीजे 7 वैशाली श्रीवास्तव की अदालत में चल रही थी. ए़डीजे 7 वैशाली श्रीवास्तव ने आरोप मनीष को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया. बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता विद्या सिंह ने पैरवी की. विद्या सिंह ने बताया कि इस मामले में कुल 6 लोगों की गवाही हुई थी. नाबालिग टेल्को में रहती थी जबकि आरोपी मनीष मनीफीट का रहने वाला था. 25 अप्रैल 2019 को टेल्को थाना में आरोपी के खिलाफ नाबालिग को बहला-फुसला कर अपहरण करने का मामला दर्ज किया गया था. तीन दिन बाद दोनों वापस लौट आए थे.