• पूर्व मुख्यमंत्री बोले, संविधान का गला घोंटकर कांग्रेस ने देश को जेलखाना बना दिया, अब आने वाली पीढ़ियों को जानना जरूरी है सच्चाई
  • पाठ्यक्रम में जोड़ी जाए आपातकाल की सच्चाई, लोकतंत्र को बचाने की अपील

फतेह लाइव, रिपोर्टर

आपातकाल की 50वीं बरसी पर भारतीय जनता पार्टी देशभर में जनजागरण अभियान चला रही है. इसी क्रम में बुधवार को भाजपा जमशेदपुर महानगर द्वारा साकची स्थित जिला कार्यालय में प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया. झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान 25 जून 1975 को लागू आपातकाल को भारतीय लोकतंत्र का सबसे काला दिन करार देते हुए कांग्रेस पर जमकर हमला बोला. उन्होंने कहा कि इंदिरा गांधी ने सत्ता के मोह में संविधान की धज्जियां उड़ाईं और देश को एक रात में जेलखाना बना दिया. यह कांग्रेस का वह चेहरा है जो लोकतंत्र को कुचलने से भी पीछे नहीं हटता.

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रघुवर दास का बयानकांग्रेस को लोकतंत्र पर बोलने का नैतिक अधिकार नहीं

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि 12 जून 1975 को जब इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इंदिरा गांधी की लोकसभा सदस्यता रद्द कर दी और चुनाव लड़ने से अयोग्य ठहरा दिया, तब उन्होंने कुर्सी बचाने के लिए आपातकाल लागू किया. बिना कैबिनेट की अनुमति के राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद से हस्ताक्षर करवाकर संविधान का दुरुपयोग किया गया. जयप्रकाश नारायण, अटल बिहारी वाजपेयी, लालकृष्ण आडवाणी, मोरारजी देसाई, चंद्रशेखर जैसे तमाम विपक्षी नेताओं को रातों-रात जेल भेज दिया गया. प्रेस की स्वतंत्रता छीनी गई, न्यायपालिका पर दबाव डाला गया और जनता के मौलिक अधिकारों का गला घोंट दिया गया.

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संविधान और न्यायपालिका को भी नहीं छोड़ा गया था – पूर्व मुख्यमंत्री का आरोप

रघुवर दास ने आपातकाल के दौरान अपने अनुभव भी साझा किए. उन्होंने कहा कि वे उस समय किशोर संघ के छात्र कार्यकर्ता थे और भालूबासा में आंदोलन से जुड़े थे. रात के समय सूचना मिली कि आपातकाल लागू हो चुका है. पुलिस ने उनके बनाए गए छात्र संघर्ष समिति के अस्थायी कार्यालय को तोड़ दिया. 6 जुलाई को उनकी गिरफ्तारी हुई और पहले जमशेदपुर जेल व फिर गया सेंट्रल जेल भेजा गया. उस समय उनकी उम्र 18-19 वर्ष थी और वे कॉलेज में नए-नए दाखिल हुए थे. उन्होंने याद किया कि 10 जुलाई 1975 को बसंत टॉकीज के पास पुलिस फायरिंग में छात्रों को गोली लगी, उसी स्थान को आज ‘शहीद चौक’ कहा जाता है.

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छात्र आंदोलन, गिरफ्तारी और जेल की यादें साझा करते हुए भावुक हुए रघुवर दास

रघुवर दास ने कहा कि देश ने 1977 के आम चुनाव में इंदिरा सरकार को उखाड़ फेंका और यह सिद्ध किया कि भारत की जनता किसी तानाशाही को स्वीकार नहीं करेगी. उन्होंने केंद्र सरकार से मांग की कि जैसे स्वतंत्रता आंदोलन की गाथाएं स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल की गईं, वैसे ही आपातकाल की सच्चाई भी विद्यार्थियों को पढ़ाई जाए. उन्होंने कांग्रेस पर तीखा तंज कसते हुए कहा कि आज जो पार्टी संविधान की दुहाई देती है, उसी ने 60 वर्षों के शासन में अनुच्छेद 356 का दुरुपयोग करते हुए 90 बार गैर-कांग्रेसी सरकारों को गिराया है. भाजपा जनता को जागरूक कर रही है कि वे लोकतंत्र की रक्षा के लिए सतर्क रहें और सत्ता के लिए संविधान को रौंदने वालों को फिर मौका न दें.

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