फतेह लाइव, रिपोर्टर.
जमशेदपुर वन प्रमंडल ने तेंदुए की खाल की तस्करी कर रहे एक व्यक्ति समेत तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। वन विभाग को टीम ने इस मामले में सोनारी के रहने वाले अशोक विश्वकर्मा और चाईबासा निवासी साम कुजूर और पिंटू कुजूर को गिरफ्तार किया है। टीम ने सभी को गुप्त सूचना के आधार पर गिरफ्तार किया है। टीम को गुप्त सूचना मिली थी कि एक व्यक्ति तेंदुए की खाल की तस्करी कर रहा है, जिसके बाद टीम ने खरीददार बनकर अशोक से संपर्क किया।
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अशोक को साकची के आम बागान में बुलाया गया। जहां उसे टीम ने धर दबोचा। इसमें कई और व्यक्ति शामिल है जिसकी गिरफ्तारी के लिए वन विभाग की टीम छापेमारी कर रही है। डीएफओ सबा आलम अंसारी ने बताया कि तेंदुए के खाल की तस्करी की गुप्त सूचना प्राप्त हुई थी।
यह सूचना वाइल्ड लाइफ क्राइम कंट्रोल बोर्ड से मिली थी। जिसमे बताया गया कि सोनारी का व्यक्ति तेंदुए का खाल रखा है जो उसकी बिक्री करने के लिए लगा हुआ है। वन विभाग की टीम ने मामले को गोपनीय रखते हुए एक टीम बना कर उक्त तस्कर से खरीदार बन कर डील करना शुरू की। पहले तो तस्कर ने 10 करोड़ रुपए मांगे पर डील 1.5 करोड़ रुपए में फाइनल हुई।
वहीं आरोपी अशोक विश्वकर्मा ने पूछताछ में बताया कि उसे यह खाल चाईबासा के रहने वाले साम कुजूर और पिंटू कुजूर ने दिया था। वहीं साम कुजूर और पिंटू कुजूर ने पूछताछ में बताया कि वे इसे पलामू से लेकर आए है। इस पूरी टीम में तस्करों का बड़ा सिंडिकेट काम कर रहा है, जो तस्करी के धंधे को संचालित कर रहा है।
उन्होंने पलामू से यह खाल मंगाई है। हालांकि खाल को फोरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है। रिपोर्ट आने के बाद ही तेंदुए की आयु और खाल खाल कब की है यह पता चल पाएगा। फॉरेंसिक जांच की रिपोर्ट कई महत्वपूर्ण राज उजागर कर सकती है। बता दें कि 17 मार्च को आदित्यपुर-गम्हरिया के औद्योगिक क्षेत्र में देखा गया था। दो दिनों तक वन विभाग के टीम को छकाने के बाद वह अचानक गायब हो गया था. टीम लगातार उसकी खोज करती रही, लेकिन वह कहीं नहीं मिला।
वहीं 10 दिन बाद जमशेदपुर के कदमा स्थित बायो डायवर्सिटी पार्क में तेंदुआ देखे जाने की बात सामने आई थी। सारी जांच पड़ताल के बाद वन विभाग ने पुष्टि करते हुए तेंदुआ होने की जानकारी साझा करते हुए अलर्ट भी जारी कर दिया था। लेकिन वहां भी तेंदुआ नहीं पकड़ में आया। तेंदुआ पकड़ में नहीं आने के बाद हद तो तब हो गई जब जमशेदपुर वन प्रमंडल यह कह दिया कि कदमा के बायो डायवर्सिटी में तेंदुआ देखे जाने की बात अफवाह थी। सवाल उस समय भी यह था कि आखिर गम्हरिया में देखा गया तेंदुआ जमशेदपुर में नहीं आया, तो वह कहां गया? गायब कैसे हो गया। वन विभाग ने न तो इस संबंध में स्पष्ट जानकारी साझा की और न ही किसी ने सवाल किया। अब ऐसे में इसी क्षेत्र से तेंदुआ की खाल का मिलना एक बड़ा सवाल खड़ा करता है।
टाटानगर से 2022 में करोड़ों के सांप, मकड़ी और बिच्छू के साथ पकड़ी गई थी महिआ
वन्य जीव हो या उनकी खाल, तस्करी का जमशेदपुर से कोई बड़ा कनेक्शन है. तेंदुए की खाल के जब्त होने और तस्कर के पकड़े जाने के पूर्व भी यहां वन्य जीवों की तस्करी का मामला सामने आ चूका है. वर्ष 2022 के नवंबर में टाटानगर रेलवे स्टेशन से एक महिला को सांप, बिच्छू, प्रतिबंधित विदेशी मकड़ी के साथ पकड़ा गया था. टाटानगर आरपीएफ की टीम ने गुप्त सूचना के आधार पर 12875 नीलाचल एक्सप्रेस के जनरल डिब्बे से पुणे निवासी महिला तस्कर देवी चंद्रा (52 वर्ष) को पकड़ा. इसके पास से विदेशी नस्ल के 28 सांप, 12 गिरगिट, 300 मकड़ी और आठ सिंग वाले कीड़े जब्त किए. अंतराष्ट्रीय बाजार में इसकी कीमत करोड़ों रुपये के बताई गई थी. लेकिन इस मामले में भी आगे की कार्रवाई का अब तक कोई खुलासा नहीं किया गया.
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