फतेह लाइव, रिपोर्टर.
जमशेदपुर में सिंहभूम जिला हिन्दी साहित्य सम्मेलन/तुलसी भवन द्वारा संस्थान के प्रयाग कक्ष में मासिक ” कथा मंजरी ” सह हिन्दी के चार महान साहित्यकारों की जयंती समारोह आयोजित किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता तुलसी भवन के अध्यक्ष सुभाष चन्द्र मुनका तथा संचालन साहित्य समिति के सचिव डाॅ० अजय कुमार ओझा ने की। दीप प्रज्वलन के साथ समारोह की शुरुआत हुई। सरस्वती वंदना डाॅ० वीणा पाण्डेय ‘भारती’ ने प्रस्तुत किया।
स्वागत वक्तव्य तुलसी भवन के मानद महासचिव डाॅ० प्रसेनजित तिवारी ने दिया। तदोपरान्त हिन्दी के चार महान साहित्यकार मैथिली शरण गुप्त, हजारी प्रसाद द्विवेदी, भारतेन्दु हरिश्चंद्र एवं सर्वेश्वर दयाल सक्सेना की जयंती के अवसर पर उनके प्रति श्रद्धा व्यक्त करते हुए सर्वश्री सुरेश चन्द्र झा, वसंत जमशेदपुरी, अजय प्रजापति एवं ब्रजेन्द्र नाथ मिश्र ने उनका साहित्यिक परिचय प्रस्तुत किया। कार्यक्रम के दुसरे सत्र ‘कथा मंजरी’ के मौके पर विभिन्न विषयों को स्पर्श करती हुई कुल 12 कहानियों का पाठ किया गया, जिसकी समीक्षात्मक टिप्पणी कथा पाठ के उपरान्त तुलसी भवन के न्यासी अरुण कुमार तिवारी ने अपने वक्तव्य के दौरान की.
कथाकार कहानी का शीर्षक
नीता सागर चौधरी कर भला तो हो भला
जयश्री शिव कुमार हाथ की रेखा
शीतल प्रसाद दूबे पार्टी
कन्हैया लाल अग्रवाल सहनशीलता से पूज्यवान तक
वीणा कुमारी ‘नंदिनी’ कानून का उल्लंघन
रीना सिन्हा ‘सलोनी’ कन्या पूजन
ब्रजेन्द्र नाथ मिश्र संवेदना खोते लोग
सुरेश चन्द्र झा नवाब साहब की पार्टी
उमा पाण्डेय बहु-बेटी
वसंत जमशेदपुरी पाप या पुण्य
विश्वनारायण शिल्पी सेवक सेवा
नीलाम्बर चौधरी सपना
कार्यक्रम के अंत में धन्यवाद ज्ञापन साहित्य समिति के कार्यकारी अध्यक्ष डाॅ० यमुना तिवारी ‘व्यथित’ द्वारा दी गई।
इस अवसर पर मुख्य रुप से अरुण कुमार तिवारी, यमुना तिवारी ‘व्यथित’, डाॅ० अजय कुमार ओझा, नीता सागर चौधरी, सुरेश चन्द्र झा, ब्रजेन्द्र नाथ मिश्र, दिव्येन्दु त्रिपाठी, शीतल प्रसाद दूबे, वसंत जमशेदपुरी, अजय प्रजापति, उमा पाण्डेय, नीलाम्बर चौधरी, नीलिमा पाण्डेय, राजेन्द्र सिंह, जयश्री शिव कुमार, कन्हैया लाल अग्रवाल, डाॅ० संजय पाठक ‘सनेही’, अनिता निधि, वीणा कुमारी नंदिनी, जितेश तिवारी, बलविन्दर सिंह, निवेदिता श्रीवास्तव, पूनम सिंह, योगेन्द्र साहु, रीना गुप्ता, याशिका साहु, सत्यदेव रंजन, अनिरुद्ध त्रिपाठी ‘अशेष’, अमिज कुमार राय, बबली मीरा, भंजदेव देवेन्द्र कुमार ‘व्यथित’ सहित अनेक साहित्यकारों की उपस्थिति रही।