फतेह लाइव, रिपोर्टर.
जमशेदपुर में हिंदू धर्म की रक्षा के लिए नवंबर 1675 में दिल्ली के चांदनी चौक में शहादत का जाम पीने वाले नवें गुरु तेग बहादुर जी एवं उनके तीन शिष्य भाई सती दास जी, भाई मती दास जी एवं भाई दयाला जी की याद में असम धुबरी से निकलने वाले शहीदी नगर कीर्तन का स्वागत पूरे शहर वासियों को धर्म जाति भेद से ऊपर उठकर करने की जरूरत है। कॉमी सिख मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अधिवक्ता कुलबिंदर सिंह ने सिख संसद शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष अधिवक्ता हरजिंदर सिंह धामी के प्रति आभार जताया है कि उन्होंने ऐतिहासिक स्थान नहीं होने के बावजूद जमशेदपुर रांची को शहीदी नगर कीर्तन में स्थान दिया है। जबकि यह तय हुआ था कि शहीदी नगर कीर्तन उन्हीं स्थलों से होते हुए आनंदपुर साहिब जाएगा, जिन स्थानों से होकर गुरु तेग बहादुर जी असम आनंदपुर साहिबा गए थे।
कुलबिंदर सिंह के अनुसार भारत एक बहुलवादी संस्कृति, धर्म, भाषा, विविधता का देश है, जो सारी दुनिया में इसे एक विशिष्ट रूप देता है।
मुगल शासक औरंगजेब इस देश को इस्लामिक देश बनाना चाहता था और कश्मीरी पंडितों के आग्रह पर गुरु तेग बहादुर, हिन्द की चादर एवं उनके तीन शिष्यों ने दिल्ली के चांदनी चौक में अपनी शहादत देकर उसकी मंशा पर पानी फेर दिया। औरंगजेब से यह कहलवाया गया था कि गुरु तेग बहादुर यदि मुस्लिम धर्म स्वीकार कर लेंगे तो हम सभी मुसलमान बन जाएंगे।
कुलविंदर सिंह के अनुसार आज हमारा देश लोकतांत्रिक देश है और यहां संविधान का राज है और सभी धर्म, जाति, भाषा, साहित्य, विचार सिद्धांत, मूल्य को मानने वाले के अधिकार सुरक्षित संरक्षित है।
यह सारा कुछ गुरु तेग बहादुर जी जैसे संतों के महान बलिदान से ही संभव हुआ है और इसे हर हाल में बरकरार रखा जाना चाहिए।
अधिवक्ता कुलबिंदर सिंह ने केंद्र सरकार विशेष कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व जेपी नड्डा के प्रति आभार जताया है कि सरकार के स्तर पर केंद्र एवं राज्यों में अनेक सरकारी कार्यक्रम आयोजित हो रहे हैं।


