फतेह लाइव, रिपोर्टर.
टाटानगर पार्सल की पार्किंग का टेंडर किस उद्देश्य से हुआ था. यह बहुत बड़ा सवाल है, जो इन दिनों रेल नियमों की धज्जियां उड़ा रहा है. यह कहना गलत नहीं होगा की रेल प्रशासन का चिर हरण कर रहा है. कई सवाल है जो रेलवे वाणिज्य विभाग के अधिकारी को कठघरे में खड़ा कर सकते हैं. इन्हीं बातों को खुलासा करते हुए रेल मंडल के जन सूचना पदाधिकारी सह सीनियर डीसीएम से आर टी आई के तहत जन सुविधा हेतु सवाल पूछे गए हैं. आवेदक ने अपील की है कि कृप्या अधिनियम के प्रावधानों के तहत निर्धारित अवधि में निम्नलिखित सूचनाएं उपलब्ध करायी जाये.
1. रेलवे द्वारा टाटानगर पार्सल में पार्किंग की व्यस्था के लिए किस एजेंसी से अनुबंध किया गया है ? अनुबंध की अवधि क्या है? एजेंसी का नाम और पूरा पता.
2. रेलवे और पार्किंग एजेंसी के बीच संचालन को लेकर किये गये एग्रीमेंट की अभिप्रमाणित प्रति उपलब्ध करायी जाये ?
3. टाटानगर रेलवे पार्सल का मुख्य द्वार किस एजेंसी से नियंत्रित होता है? स्पष्टकिया जाये कि यह गेट पार्सल एजेंसी के नियंत्रण में है अथवा आरपीएफ के.
4. पार्सल गेट से होकर यदि यात्रियों का आवागमन होता है तो इसके लिए जिम्मेदार एजेंसी कौन होगा ? कॉमिर्शयल या आरपीएफ या पार्किंग ठेकेदार ?
5. क्या यहां सुरक्षा के लिहाज से रेलवे की ओर से कोई सीसीटीवी कैमरा लगाया गया है ?
6. क्या पार्सल में पार्किंग का टेंडर लेने वाली एजेंसी को सीसीटीवी लगाने के लिए अधिकृत किया गया है अथवा अनुमति दी गयी है?
7. टाटानगर में पार्सल पार्किंग संचालक को पार्किंग के अलावा किन गतिविधियों की स्वीकृति दी गयी है?
8. पार्सल पार्किंग संचालक को क्या परिक्षेत्र में स्टॉल संचालन की अनुमति दी गयी है ?
9. यदि ऐसा है तो यहां स्टॉल संचालन को लेकर रेलवे के टर्म एंड कंडिशन की अभिप्रमाणित प्रति उपलब्ध करायी जाये.
अनुरोध है कि सूचना को लेकर अगर कोई शुल्क देय है तो उसके भुगतान के लिए आवश्यक डिजीटल प्रक्रिया की जानकारी दी जाये, मसलन बैक अकाउंट अथवा क्यू आर कोर्ड आदि. 10 रुपये का पोस्टल आर्डर भी दिया गया है.


