भाजपा का गढ़ माना जाता है यह क्षेत्र, लेकिन भाजपाइयों में है मनमुटाव
चरणजीत सिंह.
कोल्हान के पोटका विधानसभा में घाघीडीह मंडल को भाजपा का गढ़ माना जाता है. कहा जाता है कि हर पूर्व विधायक मेनका सरदार की जीत के लिए यह मंडल की महत्वपूर्ण रही है. इस बार भाजपा से यहां पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा की धर्मपत्नी मीरा मुंडा को प्रत्याशी बनाकर उतारा गया है. जाहिर है यहां अर्जुन मुंडा की प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई है. मीरा मुंडा को जब प्रत्याशी बनाया गया था, तो पूर्व विधायक मेनका सरदार ने इस्तीफा दे दिया था, लेकिन अगले ही दिन चुनावी राजनीति में उन्होंने इस्तीफा वापस लेकर सबको चौका दिया था. उसके बाद भी पोटका में मीरा मुंडा का विरोध हो रहा है. जादूगोड़ा में भी यह सब देखा जा चुका है. खैर उसके बाद भी भाजपा अपना यह किला फतेह करने के लिए पूरजोर कोशिश में लगाी है. खासकर अर्जुन मुंडा यहां अपने राजनीति गुर अजमा रहे हैं.
इसी बीच अगर हम यहां घाघीडीह मंडल की बात करें तो यहां के भाजपाई बिखरे हुए हैं. वर्तमान में यहां आनंद कुमार को मंडल अध्यक्ष की कमान सौंपी गई है. संदीप शर्मा उर्फ बाबी यहां के पूर्व मंडल अध्यक्ष थे. नए अध्यक्ष की घोषणा के बाद ही यहां भाजपाइयों में भूचाल आ गया था. जिला कार्यालय तक यह भूचाल पहुंचा था, किसी से छुपा नहीं है. इधर, स्थिति यहां अब भी वही है. राजनीतिक सूत्रों की मानें तो यहां वर्चस्व को लेकर पार्टी की स्थिति बहुत ही खराब हो चुकी है. ना ही जिला अध्यक्ष और न ही प्रत्याशी इस पर ध्यान दे रहे हैं, जिसके चलते क्षेत्र में भाजपा कमजोर होती जा रही है. बताया जाता है कि वर्तमान मंडल अध्यक्ष की कार्यप्रणाली से मंडल के कार्यकर्ता नाराज हैं, जिसके चलते पूर्व मंडल अध्यक्ष बाबी शर्मा के संपर्क में सभी कार्यकर्ता अभी भी बने हुए हैं. सभी मंच और मोर्चा के पदाधिकारी भी शर्मा के समर्थन में ही हैं. वैसे भी यहां मंडल अध्यक्ष बदला गया था, कहा गया था कि पुरानी टीम ही कार्य करेगी. अब ऐसे में प्रत्याशी मीरा मुंडा के लिए चुनाव के समय भाजपा में फूट नुकसान साबित कर सकती है इससे इनकार नहीं किया जा सकता.