• 100 मीटर दौड़ा, बैरिकेड तोड़ा, कई लोग गिरे; स्थिति को नियंत्रण में लाने में वन विभाग की भूमिका रही अहम

फतेह लाइव, रिपोर्टर

भगवान जगन्नाथ की ऐतिहासिक रथ यात्रा के दौरान शुक्रवार को एक अप्रत्याशित घटना घटी जब जुलूस में सबसे आगे चल रहा एक नर हाथी तेज डीजे और सीटी की आवाज से बेकाबू हो गया. यह घटना सुबह करीब 10 बजे खाड़िया क्षेत्र के पास हुई, जब हाथी अचानक उत्तेजित होकर 100 मीटर तक दौड़ा और कई बैरिकेड्स को तोड़ते हुए संकरी गली में जा घुसा. इस दौरान भगदड़ जैसी स्थिति बन गई और कई श्रद्धालु गिर पड़े. हालांकि किसी को गंभीर चोट नहीं आई.

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डीजे की तेज ध्वनि से हाथी ने तोड़ा संयम

वन विभाग के अधिकारी आर.के. साहू ने बताया कि हाथी को शांत करने के लिए दो मादा हाथियों को लाया गया. मादा हाथियों की उपस्थिति ने नर हाथी को सहज किया और उसे खाड़िया क्षेत्र में एक सुरक्षित स्थान पर बांध दिया गया. हाथी अब पूरी तरह शांत है और निगरानी में रखा गया है. अधिकारी ने कहा, “हाथी को हाथी ही नियंत्रित कर सकता है, इसलिए मादा हाथियों की मदद ली गई.” घटना के बाद उस हाथी और मादा हाथियों को यात्रा से हटा दिया गया, जबकि शेष 14 हाथियों ने जुलूस में भाग लिया.

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मादा हाथियों की सूझबूझ से टली बड़ी अनहोनी

रथ यात्रा में हाथियों की भागीदारी हमेशा आकर्षण का केंद्र रही है. इस वर्ष भी रथ यात्रा से पहले 23 जून से ही वेटरनरी और पशुपालन विभाग की टीमों द्वारा हाथियों की शारीरिक व मानसिक स्थिति पर नजर रखी जा रही थी. सभी हाथियों का नियमित हेल्थ चेकअप कर स्वास्थ्य प्रमाण पत्र जारी किया गया था. विभाग यह सुनिश्चित करता है कि हाथियों को कोई संक्रमण, तनाव या कीटों से परेशानी न हो. पशुपालन विभाग के उप निदेशक सुकेतु उपाध्याय ने बताया कि प्रत्येक हाथी की हर छोटी-बड़ी समस्या को गंभीरता से लिया जाता है.

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23 जून से चल रही थी सेहत की निगरानी, फिर भी डीजे की ध्वनि पर हुए बेकाबु

वन विभाग की विशेष टीम डार्ट गन के जरिए भी हाथियों को कंट्रोल में रखती है. यदि कोई हाथी उग्र हो जाता है, तो इंजेक्शन के जरिए उसे नियंत्रित किया जाता है. रथ यात्रा के दौरान लगातार तीन दिनों तक हाथियों की निगरानी की जाती है ताकि किसी भी आपात स्थिति से निपटा जा सके. इस घटना ने एक बार फिर यह स्पष्ट कर दिया कि ऐसे आयोजनों में ध्वनि प्रदूषण को नियंत्रित करना कितना जरूरी है, विशेषकर जब जानवर भी इसमें शामिल हों.

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