फतेह लाइव, डेस्क.
सनातन धर्म में सावन का महिना बहुत पावन मन जाता है कहा जाता है इस महीने में भगवन शंकर को जल चढाने से भक्तो की सारी मनोकामनाए पूर्ण हो जाती है. सावन नजदीक है और लोग भगवान भोले को पूजेंगे. अगर उत्तरवाहिनी गंगा के जल से भगवान भोले की पूजा करेंगे तो सारी मनोकामना पूर्ण होंगी. लोग हर पर्व में गंगा स्नान के लिए जाते हैं. लेकिन उत्तरवाहिनी गंगा का एक अलग ही महत्व है. मान्यता है उत्तरवाहिनी गंगा में स्नान कर भगवान भोले को जलार्पण करने से विशेष लाभ मिलता है.
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क्या कभी आपने सोचा है उत्तरवाहिनी गंगा का जल भगवान भोले को क्यों प्रिय होता है. भगवान भोले का वास उत्तर दिशा की ओर है. मां गंगा उनकी जटा में वास करती हैं. भगवान भोले का हृदयस्थल उत्तर दिशा को ही माना जाता है. इसलिए उत्तर दिशा की ओर से बहने वाली गंगा का जल उन्हें अति प्रिय होता है. कहते हैं जो भी भक्त भगवान शिव को उत्तर वाहिनी गंगा जल अर्पित करते हैं उनकी सारी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं.
पूरे भारत मे दो जगह उत्तरवाहिनी गंगा बहती है. एक काशी विश्वनाथ और दूसरा भागलपुर का सुल्तानगंज हर साल सावन में यहां से लाखों श्रद्धालु जल भरकर बाबा वैद्यनाथ धाम यानी देवघर जाते हैं.