• राजाभिट्ठा पंचायत भवन में आयोजित कार्यक्रम में बाल संरक्षण अधिकारियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने जागरूकता फैलाने पर दिया बल
  • जेंडर समानता से ही बनेगा सशक्त समाज, शिक्षा और जागरूकता है उपाय

फतेह लाइव, रिपोर्टर

गोड्डा जिले के बोआरीजोर प्रखंड अंतर्गत राजाभिट्ठा पंचायत भवन में शनिवार को किशोरी नेतृत्व एवं जेंडर समानता विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम का आयोजन रास्ता संस्था द्वारा किया गया, जिसमें जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी राजेश कुमार गुप्ता, संरक्षण पदाधिकारी ओम प्रकाश, संस्था के संस्थापक अजय कुमार सहित कई पदाधिकारी व ग्रामीण मौजूद रहे. कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलित कर की गई. बाल संरक्षण पदाधिकारी श्री गुप्ता ने बाल विवाह को समाज के लिए एक गंभीर कुरीति बताया और कहा कि कम उम्र में शादी से बच्चों की शिक्षा बाधित होती है और उनके विकास पर प्रतिकूल असर पड़ता है. उन्होंने पोक्सो अधिनियम और गुड टच-बेड टच जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर भी जानकारी दी.

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बाल विवाह के खिलाफ जागरूकता जरूरी, शिक्षा को बनाएं प्राथमिकता

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए संरक्षण पदाधिकारी ओम प्रकाश ने कहा कि बाल विवाह बच्चों के मौलिक अधिकारों का हनन करता है और समाज में इसके खिलाफ सामूहिक जागरूकता आवश्यक है. उन्होंने स्पॉन्सरशिप, फोस्टर केयर और पालना योजना के बारे में विस्तृत जानकारी दी. उन्होंने कहा कि समाज को चाहिए कि बच्चों को शिक्षा का अवसर प्रदान करें और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए नेतृत्व की क्षमता विकसित करने में सहयोग करें. उन्होंने बच्चों के अधिकारों को समझने और अपनाने की बात कही ताकि वे भविष्य में जागरूक नागरिक बन सकें.

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नेतृत्व क्षमता से बच्चों को मिले आत्मबल, शिक्षा बने हथियार

रास्ता संस्था के संस्थापक अजय कुमार ने बताया कि उनकी संस्था बाल हित में लगातार काम कर रही है और सरकारी योजनाओं के साथ सामंजस्य बनाकर बच्चों के विकास के लिए प्रयासरत है. कार्यक्रम की संचालनकर्ता सीमा कुमारी ने बालिकाओं और बालकों के बीच लैंगिक समानता की जानकारी दी और संवाद के माध्यम से बच्चियों से उनके अनुभव साझा करवाए. उन्होंने कहा कि शिक्षा और जागरूकता से ही बाल विवाह और जेंडर भेदभाव जैसी समस्याओं से निपटा जा सकता है. कार्यक्रम में जुली मोदी, राजेश, प्रमिला, एवं दर्जनों स्थानीय ग्रामीणों व बच्चों की सहभागिता रही.

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