सेंट्रल गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (सीजीपीसी) के प्रधान भगवान सिंह के खिलाफ अब आवाज उठनी शुरु हो गई है. शुक्रवार को सीजीपीसी में बैठक के बाद सिख राजनीति में आरोप प्रत्यारोप तेज हो गए हैं. सोनारी के प्रधान सह झारखंड सिख समन्वय समिति के अध्यक्ष तारा सिंह गिल ने बयान जारी कर कहा कि सीजीपीसी के प्रधान भगवान सिंह के द्वारा बारीडीह गुरुद्वारा के प्रधान कुलविंदर सिंह को आम सभा से धक्के मार कर बाहर कर देना बहुत ही निन्दनीय है, क्योंकि कुलविंदर सिंह ने शैलेंद्र सिंह को मंच से बोलने को इसलिए रोका था, कि उन्होंने सिख धार्मिक मर्यादा को तार-तार कर दिया था, जिसके लिये अभी तक माफ़ी नहीं माँगी गई। सीजीपीसी के प्रधान को यह हक़ किसने दिया है कि वो गुरुद्वारा के प्रधान से इस तरह का बर्ताव करे? यह सरासर तानाशाही दर्शाता है और असंवैधानिक कार्य है। उन्होंने नसीहत देते हुए कहा कि प्रधान अपने पद का दुरुपयोग क़तई न करें, अहंकार अच्छे- अच्छों को ले डूबता है. एक प्रधान को सहनशील और विनम्र होना चाहिए. अधिक उग्रता ठीक नहीं.
वहीं उन्होंने कहा कि सेंट्रल सिख नौजवान सभा को भंग कर नयी नौजवान सभा का जल्दबाज़ी में प्रधान मनोनीत करना यह कहाँ तक उचित है ? सतबीर सिंह गोलडू का कार्यकाल 2024 तक है। कार्य अवधि पूरी होने पर भंग करना उचित होता. असंवैधानिक तरीक़े अपनाकर अपदस्थ करना न्यायसंगत नहीं है. सीजीपीसी अच्छे कार्यों को तरजीह दे तभी सभी का साथ संभव है।
प्रधान में और हिटलर में कोई अंतर नहीं : गोलडू
सेंट्रल नौजवान सभा के प्रधान गोलडू ने भी तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि प्रधान भगवान सिंह तानाशाही है उनमें और हिटलर में कोई अंतर नहीं है। आज मुझे अपने कुछ विश्वासियों के द्वारा पता चला है की सेंट्रल नौजवान सभा के प्रधान अमरीक सिंह को बनाया गया है, जो कि सरासर गलत है। इस चीज को पुरजोर विरोध करता हूं। गोलडू ने कहा कि भगवान सिंह वैसे तो सबको नियम से चलने की बातें करते हैं, पर खुद सेंट्रल के प्रधान वह कैसे बने हैं। यह किसी से छुपा नहीं है। साथ ही वह मानगो गुरुद्वारा के 9 साल से प्रधान बने हुए हैं।
वहां भी उन्होंने संविधान की धज्जियां उड़ाई हुई है। मैं सतवीर सिंह गोल्डू जो कि सेंट्रल सिख नौजवान सभा का प्रधान हूं। मेरा कार्यकाल 2024 जून तक है, पर आज मुझे पता चला है की कैसे गलत तरीके से यह जो सुरजीत सिंह खुशीपुर के द्वारा अमरीक सिंह को प्रधान बनाया गया है। मुझे जानकर बड़ी दुख होता है कि भगवान सिंह जो हमेशा संविधान की बात करते हैं। वह सत्ता लोभी हो गये हैं। उन्हें अपनी कुर्सी प्यारी है, ना कि काम की मर्यादा का ख्याल है। इसके अलावा भी प्रधान को आड़े हाथों लेते हुए गोलडू ने सनसनी वाले आरोप लगाए हैं कि उनकी कमेटी के कुछ पदाधिकारी किसी ने दाढ़ी कटाई हुई है और कोई अपने बाल रंग करता है और कोई दारू पीता है। इस चीज का उनको जरा भी ख्याल नहीं है। इसकी मुख्य वजह सिर्फ और सिर्फ कुर्सी है।