जमशेतजी नसरवान जी टाटा
जन्म : 3 मार्च 1839
निधन : 19 मई 1904
फतेह लाइव रिर्पाेटर
कोई यूं ही बरसों याद नहीं किया जाता, कोई इंसान यूं ही भगवान नहीं हो जाता. लोगों के दिलों में बसने के लिए आपके कार्य, आपके विचार और आपकी मानवीय संवेदना की सोच महत्वपूर्ण होती है.
कुछ ऐसे ही मानवीय संवेदना से परिपूर्ण थे जेएन टाटा. 185 वर्ष पूर्व 3 मार्च को गुजरात के नसवारी में जन्मे इस महान हस्ति ने अपने नेक विचारों की बदौलत लोगों के दिलों में राज किया और उनके लिए भगवान बन गए. यही कारण है कि उनकी जयंती पर उन्हें एक भगवान से कम याद नहीं करते.
उनकी सोच, विचार और परिकल्पना पर बसे जमशेदपुर शहर में उनकी जयंती पर खास समारोह का आयोजन किया जाता है.
प्रत्येक वर्ष 3 मार्च को जमशेदपुर शहर किसी दुल्हन से कम नहीं लगता है. जेएन टाटा की जयंती पर आयोजित इस समारोह में शहर को रंग-बिरंगे बत्तियों से रोशन किया जाता है. 26 अगस्त 1960 में स्थापित टाटा स्टील के इस शहर में संस्थापक दिवस समारोह की परंपरा कब से शुरू क हुई, पढ़िए ये रिपोर्ट.
लौहनगरी जमशेदपुर को टाटा की नगरी के रूप में भी जाना जाता है. जिसे टाटा समूह के संस्थापक जेएन टाटा को उनके बेटे सर दोराबजी टाटा ने बसाया। अपने पिता के सपनों का साकार करते हुए उन्होंने न सिर्फ स्टील कंपनी की स्थापना की बल्कि पिता की इच्छा के अनुसार कर्मचारियों के रहने के लिए क्वार्टर, चौड़ी सड़क, सड़कों के किनारे छायादार पेड़, बच्चों के लिए स्कूल, खेलने के लिए मैदान, अस्पताल सहित सामाजिक कार्यक्रमों के लिए सामुदायिक भवन की स्थापना की.
ऐसे में शहरवासी जेएन टाटा, जिसे टाटा साहब के नाम से पुकारते हैं, उन्हें भगवान का दर्जा देते हैं और उनकी तीन मार्च को होने वाली जयंती पर हर साल आकर्षक झांकियां सहित जुबिली पार्क के अलावा पूरे शहर को दुल्हन की तरह सजाया जाता है। यह परंपरा आज भी कायम है. संस्थापक समारोह में देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरु, पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी, राजीव गांधी, डा. मनमोहन सिंह जैसे बड़े दिग्गज नेता भी शामिल हो चुके हैं.
25वीं वर्षगांठ पर पहली बार आयोजित हुआ संस्थापक दिवस
टाटा स्टील की स्थापना वर्ष 1907 में हुई थी. स्थापना के 25 वर्ष पूरे होने पर टाटा स्टील के पूर्व चीफ एकाउंटेंट डीएम मडन की सोच के बाद पहली बार संस्थापक दिवस का आयोजन वर्ष 1932 में हुआ. उनका उद्देश्य था कि इस समारोह में टाटा समूह के सभी विभागों में कार्यरत कर्मचारी उक्त मंच पर अपनी भावनाओं को प्रस्तुत करे. इसके बाद से यह परंपरा निर्बाध रूप से चली आ रही है. वर्ष 1907 में कोरस कंपनी के अधिग्रहण वाले वर्ष में ही टाटा स्टील ने अपनी स्थापना के भी 100 वर्ष पूरे किए और इस समारोह को शताब्दी वर्ष के रूप में मनाया. आज कंपनी हर साल एक नए थीम के साथ समारोह को आयोजित करती है.