जमशेदपुर लोकसभा सीट के लिए झारखंड मुक्ति मोर्चा के के द्वारा कथित रूप से दावा किए जाने के बाद एक ओर तो इंडी एलाइंस के प्रमुख घटक दल कांग्रेस आलाकमान के कुछ हद तक मान जाने की चर्चा आ रही है लेकिन दूसरी ओर जमशेदपुर के कुछ कांग्रेसियों में संशय स्थिति होने की चर्चा है. वहीं तीसरी ओर झामुमो के द्वारा कथित रूप से सीट पर दावा किया जाने के बाद इस सीट के लिए प्रत्याशियों के नाम का कयास लगना भी शुरू हो गया है.
सूत्रों के मुताबिक इन नामों के रेस में आस्तिक महतो, दुलाल भुइयां, फणींद्र महतो, पूर्व सांसद सुनील महतो की पत्नी सुमन महतो, मोहन कर्मकार और सुनील महतो मीता का नाम चर्चा में आ गया है.
जानकार सूत्रों का कहना है कि झारखंड मुक्ति मोर्चा के चुनाव की देखरेख करने वाली टीम ने इस बात पर गौरतलब किया है कि झारखंड मुक्ति मोर्चा ने इस सीट पर कई बार फतह हासिल कर चुकी है. जिसके कारण इस सीट पर झारखंड मुक्ति मोर्चा अपनी दावेदारी कर रही है.
हालांकि झारखंड में अब तक सीट शेयरिंग पर महागठबंधन में फाइनल नहीं होने की खबर है.
बता दें कि सबसे पहले झामुनों को यह सीट 1989 में शैलेंद्र महतो ने जीत हासिल कर कराई थी फिर दूसरी बार भी उन्होंने जीत दर्ज कर झारखंड मुक्ति मोर्चा के लिए सीट बरकरार रखा था. वहीं अगली चुनाव में यह सीट भाजपा के खाते में चली गई. फिर लगातार भाजपा जीतती रही और 2004 में सुनील महतो जीते फिर उनकी हत्या के बाद उनकी पत्नी सुमन महतो जीती.
बहरहाल झारखंड मुक्ति मोर्चा के चुनाव प्रबंधन देख रहे लोग भी इस सीट के लिए झामुमो की दावेदारी को सही आकलन कर रहे हैं.
हालांकि इंडिया गठबंधन के सूत्रों के मुताबिक सीटों का बंटवारा झारखंड मुक्ति मोर्चा और कांग्रेस में बराबर बराबर यानी 6-6 और राष्ट्रीय जनता दल और वामपंथी को एक सीट देने पर मंथन चल रहा है.