फतेह लाइव, रिपोर्टर.
छत्तीसगढ़ी समाज का ज्वारा पूजा बुधवार को सोनारी में धूमधाम से संपन्न हुआ. नवमी के दिन ज्वारा पूजा विसर्जन यात्रा निकाली गई. यह विसर्जन यात्रा सोनारी से स्वर्णरेखा नदी घाट तक पहुंची. ज्वारा पूजा विसर्जन यात्रा में स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता शामिल हुए. स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि सोनारी से हर साल ज्वारा पूजा आयोजित होती है. इस साल भी ज्वारा पूजा विसर्जन यात्रा धूमधाम से निकली है. यह एक विशेष पूजा है. गौरतलब है कि इस ज्वारा पूजा में महिला ही ज्वारा लेकर विसर्जन स्थल तक जाती है. भक्त सर पर धान के पौधों से सजे कलश लेकर चलते हैं. ढोल नगाड़े की धूम जवारा पूजा को आकर्षक बना रही थी. छत्तीसगढ़ी समाज हर साल ज्वारा पूजा का आयोजन करता है. मां के नौ रूप की 9 दिन पूजा की जाती है और उसके बाद नवमी को विसर्जन जुलूस निकलता है.
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सैकड़ों श्रद्धालु व भक्तगण विसर्जन जुलूस में हुए शामिल
श्री श्री शीतला माता मंदिर टुइलाडुंगरी में चल रहे चैत्र नवरात्र अखंड ज्योत ज्वारा पूजा का भव्य विसर्जन पर शोभा यात्रा निकाली गई, हजारों लोगों की उपस्थिति में भजन और जश गीत गाते हुए श्रद्धालु और भक्तगण ज्योत विसर्जन जुलूस में सम्मिलित हुए, सबसे पहले स्वच्छता को ध्यान में रखते हुए युवा और महिलाएं सड़क पर पानी देते हुए सफाई कर रही थी. उसके पश्चात महिलाओं द्वारा सड़क पर पुष्प वर्षाये जा रहे थे, महिलाएं अपने सर पर अखंड ज्योत कलश लहलहाते ज्वारा के साथ ले कर चल रहे थी कतारबध तरीके से, शोभा यात्रा में मां दुर्गा, मां काली और हनुमान जी की झांकी लोगो को लुभा रही थी. छत्तीसगढ़ से आए जश गायन मंडली ने सभी को झुमाया और माता का वास करने वाले माता सवार हो कर संग चल रही थी. सड़क पर दर्शन करने वाले लोगो और जयकारा लगाने वालो की संख्या भी उतनी ही थी.
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विसर्जन जुलूस में ये लोग हुए शामिल
गढ़हाबासा के कुंआ में जा कर विसर्जन पूजा संपन्न हुवा, अध्यक्ष दिनेश कुमार ने बताया कि नौ दिनों तक चलने वाले इस अनुष्ठान के समापन के पश्चात मंदिर प्रांगण में आज हजारों लोगो ने भोग ग्रहण किया. साथ ही पूजा पाठ को विधि विधान के साथ संपन्न कराने वाले बैगा, पंडा, पुजारी उनके सहयोगी और जश गायन मंडली को परम्परा अनुरूप आरती कर उनको नारियल भेट कर विदाई दी गई. विशाल विसर्जन शोभा यात्रा में राजू गिरी, दिनेश कुमार, परमानंद कौशल, गिरधारी साहू, मोतीलाल साहू, चंद्रिका निषाद, गंगाराम साहू, शंकर लाल, महावीर प्रसाद, अनिल कुमार, रामेश्वर साहू, कामेश्वर साहू, दयालु निषाद, मनमोहन लाल साहू, जमुना निषाद, इंद्रा साहू, द्रौपदी साहू, नूतन साहू, मंजू ठाकुर, नंदनी साहू, गौरी साहू, फुलेश्वरी निषाद, कमला निषाद, श्रीनू राव, धर्मराज साहू, प्रांची निषाद, जितेंद्र साहू, रेमन कुकर, रोशन साहू, दीपक साहू, पारस लाल, बिहारी लाल, डी प्रसाद राव आदि सैकड़ों लोग उपस्थित थे.