बालीगुमा के पास दो सौ सफाई कर्मियों और मजदूरों को लगाकर कार्य करने पर फिरा पानी
फतेह लाइव की खबर पर डीसी ने शुरु करवाई जांच, एडीसी, जिप के जिला अभियंता को बनाया गया है जांच अधिकारी
निष्पक्ष जांच हुई तो कई का फंसना तय, डीएमसी सुरेश यादव बोले मामले से मेरा कुछ लेना देना नहीं
फतेह लाइव, रिपोर्टर.


जमशेदपुर के मानगो नगर निगम में 15वें वित्त आयोग की करीब 1.33 करोड़ की राशि का बड़ा घोटाला किये जाने का सनसनीखेज खुलासा फतेह लाइव ने अपने 22 अक्टूबर की खबर में किया था. यह घोटाला पूरे झारखंड में अलग है, जिसकी चर्चा राज्य भर में शुरु हो गई है. किसी भी सरकारी योजना में टेंडर निकलने के बाद चोरी का प्रतिशत सर्वविदित है, लेकिन यहां पूरे सौ प्रतिशत की राशि ही बिना कार्य पूर्ण किये ठेकेदार आशुतोष पांडे के खाते में भेज दी गई और फिर उसका बंदरबांट कई जिम्मेवारों में हुआ. 23 अक्टूबर को अगले दिन फतेह लाइव ने फिर यह खुलासा किया कि ठेकेदार और जिम्मेदार अपने इस घोटाले को दबाने में क्या प्रयास कर रहे हैं. जैसे कि योजनास्थल पर काम शुरु करवाया जा रहा है. इसका खुलासा होने के बाद डीसी अनन्य मित्तल ने 26 अक्टूबर को मामले में जांच के आदेश दिये और एडीसी और जिला परिषद के जिला अभियंता नकुल ठाकुर को जांच करने का जिम्मा दिया. बहरहाल, मामले की जांच शुरु हो गई है. करोड़ों का घोटाला करने वाले ठेकेदार और जिम्मेदार अपनी गर्दन बचाने के लिए हर तरह की जुगत में भिड़ गए हैं.
30 अक्टूबर को नगर निगम ने यह किया कारनामा और फिर….
पूरे घोटाले को मैनेज करने के खेल के बीच गत 30 अक्टूबर बुधवार को हुआ यह कि बालीगुमा पुराना कृषि भवन से पावर सब स्टेशन ग्रिड के सौ प्रतिशत अधूरे कार्य को पूर्ण करने के लिए नगर निगम डीएमसी के निर्देश पर पूरे डेढ़ सौ सफाई कर्मियों के साथ सैकड़ों मजदूर, निगम के तीन जेसीबी व अन्य यंत्रों के साथ कार्य स्थल पर काम शुरु करने की तैयारी की गई थी. उक्त स्थल पर हरवे हथियार के साथ गुंडा पार्टी बैठाकर क्षेत्र को ब्लाक कर दिया गया, ताकि बाहरी लोगों की आवाजाही इस चोरी पर नहीं पड़े. लेकिन स्थानीय लोगों ने इस मामले को डीसी तक पहुंचा दिया. कुछ महिलाएं शिकायत लेकर डीसी के पास और पश्चिमी के प्रत्याशी सरयू राय से मुलाकात की. उन्होंने मामला समझा और डीसी को फोन लगाकर यह कह डाला कि मानगो नगर निगम को कांग्रेस कार्यालय बना दिया गया है. क्या मैं चुनाव नहीं लड़ूं. इसके बाद वास्तुस्थिति पर बात करते हुए कार्य पर रोक लगाने की बात हुई. वैसे डीसी इस मामले को लेकर खुद गंभीर हैं. उन्होंने शिकायतकर्ता महिलाओं से सबूत लेते हुए जांच अधिकारी एडीसी को भी कड़े दिशा निर्देश दिये थे. इस मामले में सरयू राय से फतेह लाइव ने बात की. उन्होंने कहा कि मानगो नगर निगम में 15वें वित्त आयोग और दो साल में जितनी भी योजनाओं पर काम हुआ है. उन सब योजनाओं की जांच होनी चाहिए. कहीं भी शर्तों का अनुपालन नहीं किया गया है. मानगो नगर निगम भर्ष्टाचार का अड्डा बन गया है. यहां के अधिकारियों पर लगाम नहीं है.

इस पूरे मामले पर नगर निगम के डीएमसी सुरेश यादव से बातचीत की गई. उन्होंने कहा कि इस मामले की जांच चल रही है. वह इस पर हस्तक्षेप नहीं कर सकते. बालीगुमा में जो भी हुआ उसकी जानकारी मिलने पर उन्होंने काम कोे बंद करने का आदेश संबंधित अधिकारी को दिया है. इसके साथ ही उन्होंने यह भी सफाई दी कि इस पूरे मामले में उनका कुछ लेना देना नहीं है. उनके कार्यकाल में ऐसा कुछ भी नहीं हुआ है. खैर यह तो जांच का विषय है. फतेह लाइव के पास ऐसे बड़े बड़े घोटाले और भी पहुंचे हैं, जिसका खुलासा अगले अंक में किया जाएगा.
जिन योजनाओं में गड़बड़ी, वहां यह है स्थिति
लक्ष्मण नगर में मनोज स्टोर से स्वर्णरेखा नदी तक 70 फीसदी काम कर दिया गया, जो खबर छपने के पहले अधूरा था.
न्यू वाटिका ग्रीन सिटी गंगा कंप्लेक्स में काम अधूरा है.
गुरुद्वारा रोड पुराना अनुग्रह नारायण स्कूल से लेकर लाली सिंह रोड तक योजना नहीं हुई, आनन-फानन दूसरा जगह कार्य कर दिया गया. विधायक फंड का दर्शाया गया.
आजादबस्ती में काम रनिंग है. मानगो नगर निगम गांधी मैदान के पास भी कार्य किया गया.

मुझे नगर निगम की ओर से साइट नहीं दिखाई गई : ठेकेदार
इस बाबत ठेकेदार आशुतोष पांडे ने कहा कि नगर निगम की ओर से उन्हें साइट नहीं दिखाई गई थी. जहां जहां बोला गया हमने कार्य पूर्ण कर दिया है. जबकि नियम के अनुसार किसी भी प्रकार का टेंडर होता है तो उसके स्टीमेंट में बीओक्यू (बिल अ़ॉफ क्वांटिटी) और डिटेल होता है, कि कहां से कहां तक कार्य करना है. उनके बयान से प्रतीत हो रहा है कि वह जांच की प्रक्रिया को प्रभावित कर रहे है, जबकि इनका कहना है कि हम 12 साल से ठेकेदारी कर रहे हैं.
आरटीआई कार्यकर्ता ने भी मांगा जवाब
इधर, इस पूरे प्रकरण में आरटीआई कार्यकर्ता कमलेश कुमार ने भी सूचना अधिकार अधिनियम का उपयोग करते हुए नगर निगम से पूरे कार्य की विवरणी उपलब्ध कराने की मांग की है. वहीं, पीएमओ और एसीबी तक भी घोटाले की शिकायत की गई है.
