फतेह लाइव, रिपोर्टर
झारखंड में भाजपा की करारी हार के बाद, केंद्रीय बजट को राज्य के लिए निराशाजनक और पक्षपाती बताया गया है. राजेश यादव ने कहा कि इस बजट में झारखंड के लिए कोई विशेष प्रावधान नहीं किया गया है. उनका मानना है कि यह बजट देश के नहीं, बल्कि केंद्र सरकार के राजनीतिक भय और बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए पेश किया गया है. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि मिडिल क्लास को कुछ राहत देने की कोशिश की गई है, लेकिन महंगाई की मार से वे पहले से ही परेशान हैं.
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कृषि, श्रमिक, और युवा वर्ग के लिए बजट में कोई ठोस योजना नहीं है, जिससे वे निराश होंगे. इसके अलावा, स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए केवल 1 लाख करोड़ रुपये का बजट रखा गया है, जो इस क्षेत्र की जरूरतों के हिसाब से अपर्याप्त है. वहीं, बीमा क्षेत्र में एफडीआई सीमा बढ़ाकर विदेशी कंपनियों के प्रभुत्व को बढ़ावा दिया जाएगा, जिसका नकारात्मक असर बेरोजगारी पर पड़ेगा.