- संविधान और न्याय की महत्ता पर हुआ विस्तार से चर्चा
फतेह लाइव, रिपोर्टर
शनिवार, 15 फरवरी को संत जेवियर कॉलेज रांची के प्रेक्षागृह में एक दिवसीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसमें जस्टिस एम वाई इकबाल की जीवनी को याद करते हुए भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21 के महत्व पर चर्चा की गई. संगोष्ठी का विषय था “संवैधानिक परिवर्तन की परिवेश में उचित और सही न्याय – भारतीय संविधान की अनुच्छेद 21 पर की गई”. कार्यक्रम का संचालन इंडियन एसोसिएशन आफ लॉयर्स के महासचिव अब्दुल कलाम रसीदी ने किया, जो स्टेट बार काउंसिल के सदस्य भी हैं. उद्घोषणा का कार्य अशफाक राशिद ने अपने सहयोगियों के साथ किया. कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश संदीप मेहता ने भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21 के अंतर्गत नागरिकों को मिलने वाले सही और उचित न्याय पर विस्तार से चर्चा की.
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‘संगोष्ठी में न्यायिक सुधारों और अनुच्छेद 21 पर गहरी चर्चा‘
उन्होंने संविधान में अधिकारों और कर्तव्यों की महत्ता को बताया और यह भी बताया कि यह अधिकार नागरिकों को न्याय और सुरक्षा देने के लिए हैं. कार्यक्रम में स्टेट बार काउंसिल के अध्यक्ष राजेंद्र कृष्ण ने भी जस्टिस एम वाई इकबाल के जीवन पर प्रकाश डाला और बताया कि वह एक आध्यात्मिक व्यक्ति थे जिन्होंने हमेशा न्याय के प्रति अपनी निष्ठा दिखाई और सभी को समान न्याय प्रदान किया. कार्यक्रम में उच्च न्यायालय के न्यायाधीश वाई एस लोहित, आनंद सेन, रत्नाकर भेंगरा, सुजीत नारायण प्रसाद, रामचंद्र बैग, अनिल कुमार चौधरी, और नवनीत कुमार मंच पर उपस्थित थे. इस कार्यक्रम में जमशेदपुर से आए इंडियन एसोसिएशन आफ लॉयर्स के महासचिव अधिवक्ता दिलीप कुमार महतो, अक्षय कुमार झा, वरिष्ठ अधिवक्ता वीरेंद्र कुमार शर्मा, और कई अन्य प्रतिष्ठित अधिवक्ता भी उपस्थित थे. कार्यक्रम के अंत में धन्यवाद ज्ञापन उच्च न्यायालय के अधिवक्ता ये के झा ने किया.