- सरयू राय ने कहा, पाकिस्तान से युद्धविराम के बाद समाधान की राह जटिल
- भारत को अब आतंकवाद से निपटने की पूरी स्वतंत्रता मिल गई
फतेह लाइव, रिपोर्टर
जमशेदपुर पश्चिम के विधायक सरयू राय ने कहा कि किसी भी युद्ध की परिणति युद्धविराम में होती है, चाहे वह 1965 या 1971 में पाकिस्तान के साथ हुआ युद्ध हो. उन्होंने कहा कि युद्धविराम के बाद यह बहस उठती है कि किसने क्या खोया और क्या पाया. श्री राय ने कहा कि भारत की जनता यह मान चुकी थी कि पाकिस्तान हमले कर रहा है और आतंकवादी भेज रहा है, लेकिन युद्धविराम से आतंकवाद की समस्या का समाधान निकलता है तो यह एक बेहतर कदम है. हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि यह समझना कठिन है कि यह युद्ध कितने समय तक हुआ, क्योंकि इसमें अमेरिका की दखलंदाजी हो सकती है.
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विधायक सरयू राय ने इस पर भी विचार व्यक्त किया कि यह औपचारिक युद्ध नहीं था और इसके परिणामों को समझना जटिल है. उन्होंने यह भी बताया कि पाकिस्तान युद्धविराम को किस हद तक स्वीकार करेगा, यह बड़ा सवाल है. श्री राय ने यह भी कहा कि भारत के राष्ट्रीय हित को यह युद्धविराम कितना सधेगा, यह विचारणीय है. केंद्र सरकार के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा कि अगर अब भारत पर कोई आतंकी हमला होता है, तो भारत उसे युद्ध के रूप में मान कर फौजी कार्रवाई करेगा, जिसे वे स्वागत योग्य मानते हैं. इस फैसले से भारत को अब हर आतंकी हमले का जवाब देने की पूरी स्वतंत्रता मिल गई है.