- पुलिस के प्रयासों पर नाखुश, परिजनों ने की उच्चाधिकारियों से निष्पक्ष जांच की मांग
फतेह लाइव, रिपोर्टर
बोकारो जिले के पेटरवार प्रखंड के पिछरी निवासी 24 वर्षीय विपुल मिश्रा की हत्या के मामले में परिजन पुलिस की कार्रवाई से नाखुश हैं. मृतक के पिता गुलचंद मिश्रा और अन्य परिजनों का आरोप है कि पुलिस मामले की जांच को भटका रही है और आरोपियों को बचाने का प्रयास कर रही है. 29 अप्रैल की रात डहरडीह में कलवर्ट के पास कुल्हाड़ी से विपुल की हत्या कर दी गई थी. हत्या के मामले में पुलिस ने लखन नायक और लेनिन राज नायक को मुख्य आरोपी बनाया है, जिन्होंने कथित तौर पर टांगी से हमला कर विपुल की हत्या की थी. हालांकि, पुलिस ने घटना में प्रयुक्त हथियार बरामद कर लिया, लेकिन मृतक का मोबाइल अब तक बरामद नहीं हो सका है, जिसको लेकर परिजनों में असंतोष है.
इसे भी पढ़ें : Virat Kohli Test Retirement : विराट कोहली ने कहा टेस्ट क्रिकेट को अलविदा, 14 साल के शानदार क्रिकेट का सफर थमा
परिजनों का आरोप : मोबाइल बरामदगी से हत्याकांड का हो सकता है खुलासा
परिजनों का कहना है कि विपुल को आरोपियों ने फोन कर घटना स्थल पर बुलाया था, और जब वह अपने वाहन से घर से निकला, तो उसे वहीं पर हत्या कर दी गई. मृतक के पिता का कहना है कि उनकी हत्या के बाद से मोबाइल गायब है और पुलिस इस मामले में कोई ठोस कदम नहीं उठा रही है. उनका मानना है कि अगर मोबाइल बरामद हो जाए तो हत्याकांड का पर्दाफाश हो सकता है. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि पुलिस इस मामले में लापरवाह रवैया अपना रही है, ठीक उसी तरह जैसे 2009 में उनके भाई अरुण मिश्रा की हत्या के मामले में हुआ था. उस समय भी पुलिस ने मामले को दबा दिया था और आरोपी न्यायालय से बरी हो गए थे.
इसे भी पढ़ें : Jamshedpur : पाकिस्तान को समय रहते सबक सिखाना आवश्यक : निशिकांत ठाकुर
परिजनों की मांग: मुख्यमंत्री आवास पर धरना प्रदर्शन और उच्च स्तरीय जांच
मृतक के पिता गुलचंद मिश्रा ने पुलिस की थ्योरी को खारिज करते हुए कहा कि उनके बेटे का रांची के गोसनर कॉलेज में अध्ययन हो रहा था और पुलिस का यह कहना कि आरोपियों को उनके बेटे ने कर्ज दिया था, यह पूरी तरह से गलत है. उन्होंने यह सवाल उठाया कि पुलिस हत्यारे तो पकड़ चुकी है, लेकिन अब तक मोबाइल क्यों नहीं बरामद कर पाई? उनका मानना है कि इस मामले में उच्चाधिकारियों को हस्तक्षेप करना चाहिए और तुरंत सीडीआर जांच के माध्यम से मामले की छानबीन की जानी चाहिए. यदि पुलिस निष्पक्ष जांच नहीं करती है, तो वे जल्द ही झारखंड के मुख्यमंत्री के आवास पर धरना प्रदर्शन करेंगे और फोरेंसिक जांच, फिंगर प्रिंट की सीबीआई, सीआईडी और एनआईए जांच की मांग करेंगे. परिजनों ने आरोप लगाया कि अब तक कोई जनप्रतिनिधि या सांसद/विधायक उनके पास नहीं आया, लेकिन भाजपा नेता विक्रम पांडेय और समाज के प्रबुद्ध जनों ने उन्हें सांत्वना दी है.