- पति की दीर्घायु के लिए महिलाओं ने की बरगद वृक्ष की पूजा और परंपरागत आराधना
फतेह लाइव, रिपोर्टर
बीआईटी और सिंदरी के प्रांगण में वट सावित्री की पूजा बड़े ही श्रद्धा और उल्लास के साथ संपन्न हुई. इस पावन अवसर पर परिसर की अनेक महिलाएं शामिल हुईं और अपने पति की लंबी उम्र और खुशहाल जीवन की कामना की. पूजा में मीना कुमारी, आशा देवी, रंजन कुसुम देवी, मधु चौधरी, अनीशा चौधरी, निशा चौधरी, काजल देवी, अंकिता देवी और सरस्वती देवी समेत कई प्रमुख महिलाओं ने विधि-विधान से पूजा की. वट सावित्री व्रत का विशेष महत्व है, जिसमें महिलाएं बरगद वृक्ष की पूजा कर उसके चारों ओर पवित्र धागा बांधती हैं. यह परंपरा सावित्री की कथा से जुड़ी है, जिन्होंने अपने पति सत्यवान के प्राण यमराज से वापस लिए थे.
इसे भी पढ़ें : Jamshedpur : पूर्व जिप उपाध्यक्ष राजकुमार सिंह के निजी टैंकर से बागबेड़ा में चार स्थानों पर किया गया निःशुल्क पानी वितरण
वट सावित्री पूजा की धार्मिक महत्ता और सांस्कृतिक परंपराएं
बीआईटी सिंदरी के शांत वातावरण में महिलाओं ने पारंपरिक वेशभूषा में सज-धज कर भक्तिभाव से पूजा-अर्चना की. फल, फूल, मिठाई और अन्य पारंपरिक सामग्री के साथ सामूहिक कथा श्रवण एवं आरती का आयोजन किया गया, जिसने पूजा को एक आध्यात्मिक और सौहार्दपूर्ण रूप दिया. इस अवसर पर महिलाओं ने एक-दूसरे को शुभकामनाएं दीं और प्रसाद वितरित किया. यह आयोजन न केवल धार्मिक बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण रहा, जिसने महिलाओं को एक साथ जोड़कर उनकी सांस्कृतिक विरासत को जीवित रखने का अवसर प्रदान किया. बीआईटी सिंदरी में मनाई गई यह वट सावित्री पूजा सभी के लिए एक यादगार और मंगलमय अनुभव रही.