“भगवान बिरसा मुण्डा एयरपोर्ट” नामकरण की मांग को लेकर सामाजिक कार्यकर्ता अमरप्रीत सिंह काले ने मुख्यमंत्री को भेजा भावनात्मक आग्रह पत्र
फतेह लाइव, रिपोर्टर.
झारखंड के वरिष्ठ समाजसेवी और शहीदों को सम्मान में हमेशा तत्पर रहने वाली संस्था ‘नमन – शहीदों के सपनों को’ संगठन के संस्थापक अध्यक्ष अमरप्रीत सिंह काले ने रविवार को झारखंड सरकार से राँची स्थित बिरसा मुण्डा एयरपोर्ट का नाम आधिकारिक रूप से “भगवान बिरसा मुण्डा एयरपोर्ट” रखने हेतु अनुशंसा और प्रयास करने की मांग करते हुए मुख्यमंत्री को एक भावनात्मक पत्र भेजा है.
काले ने बताया कि आज सुबह राँची से दिल्ली की यात्रा के दौरान, जब विमान उद्घोषणा में सदैव की भाँति “बिरसा मुण्डा एयरपोर्ट” शब्द सुना, तो मन व्यथित हो उठा. उसी क्षण यह विचार उनके हृदय में दृढ़ हुआ कि धरती आबा भगवान बिरसा मुण्डा को केवल ‘बिरसा मुण्डा’ कहकर संबोधित करना उनके विराट योगदान और बलिदान के साथ अन्याय है. इसी भावना से प्रेरित होकर उन्होंने यह पत्र लिखा.
अपने पत्र में काले ने स्पष्ट किया कि झारखंड की सांस्कृतिक चेतना, जनजातीय अस्मिता और जनमानस में भगवान बिरसा मुण्डा का स्थान ईश्वर तुल्य है. “भगवान” शब्द केवल सम्मानसूचक नहीं, बल्कि उनके जीवन के संघर्ष, बलिदान और आध्यात्मिक ओज की मान्यता है. उन्होंने यह भी इंगित किया कि स्वयं श्रद्धेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, आप राज्य के वर्तमान मुख्यमंत्री और पूर्व मुख्यमंत्रियों ने हर मंच से “भगवान बिरसा मुण्डा” कहकर उन्हें नमन किया है. ऐसे में राँची एयरपोर्ट का नाम “भगवान बिरसा मुण्डा एयरपोर्ट” करना केवल एक नाम परिवर्तन नहीं, बल्कि ऐतिहासिक और सांस्कृतिक न्याय होगा.
इस मांग पत्र की प्रतिलिपि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री कार्यालय, झारखण्ड के राज्यपाल, तथा नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को भी प्रेषित की गई है. उन्होंने कहा कि कल, 9 जून को भगवान बिरसा मुण्डा जी के बलिदान दिवस के अवसर पर यह आग्रह और भी प्रासंगिक बन जाता है. अमरप्रीत सिंह काले ने विश्वास जताया है कि झारखंड सरकार इस विषय पर शीघ्र, संवेदनशील निर्णय लेगी. काले ने अपना आग्रह उपरोक्त सभी को अपने ट्वीटर हैंडल से और अपने ई मेल के माध्यम से भेजा है.