- कहा– बच्चों की उपस्थिति और मूलभूत सुविधाओं पर दें विशेष ध्यान
- विद्यालयों में नैतिक शिक्षा, मध्यान्ह भोजन और नामांकन पर विशेष जोर
- पारा शिक्षकों की जानकारी ई-पोर्टल पर अपलोड करने के निर्देश
- बिजली व्यवस्था और स्वास्थ्य जांच पर विशेष ध्यान, मोबाइल मेडिकल यूनिट से जांच के निर्देश
फतेह लाइव, रिपोर्टर
गिरिडीह समाहरणालय सभागार में जिला उपायुक्त रामनिवास यादव की अध्यक्षता में शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक आयोजित की गई. बैठक में जिले के सभी विद्यालयों की स्थिति, मूलभूत सुविधाएं, बच्चों की उपस्थिति, शिक्षकों की संख्या, मध्यान्ह भोजन और नामांकन की स्थिति जैसे विषयों पर विस्तार से चर्चा हुई. डीसी ने कहा कि विद्यालयों में बच्चों की शत-प्रतिशत उपस्थिति अनिवार्य है और जिन स्कूलों में उपस्थिति कम है, उन्हें इसे प्राथमिकता के साथ बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं. साथ ही विद्यालयों में नैतिक शिक्षा देने पर विशेष बल देने की बात कही गई. डीसी ने यह भी स्पष्ट किया कि बच्चों को मिलने वाली सुविधाओं में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी.
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बैठक के दौरान उपायुक्त ने कक्षा 8 से 12 तक के नए नामांकनों की समीक्षा की और सभी अधिकारियों को निर्धारित लक्ष्य के अनुरूप नामांकन सुनिश्चित कराने का निर्देश दिया. उन्होंने यह भी निर्देशित किया कि पारा शिक्षकों की सेवा पुस्तिका (सर्विस बुक) को “ई-विद्या वाहिनी” पोर्टल पर अपलोड करना अनिवार्य है. पाठ्यपुस्तकों के शत-प्रतिशत वितरण की स्थिति पर भी चर्चा हुई और समय पर किताबें विद्यार्थियों तक पहुंचाने के निर्देश दिए गए. डीसी ने कहा कि शिक्षा की गुणवत्ता तभी बेहतर होगी जब संसाधन, शिक्षक और व्यवस्था तीनों सशक्त रूप में कार्य करें.
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समीक्षा के क्रम में उपायुक्त ने दसवीं और बारहवीं के विद्यालयों में विद्युतीकरण की स्थिति की जानकारी ली और निर्देश दिया कि सभी स्कूलों में बिजली की व्यवस्था दुरुस्त की जाए. उन्होंने कहा कि विद्यालयों में पढ़ाई के दौरान किसी को बिजली या अन्य सुविधाओं की कमी नहीं होनी चाहिए. पीएम पोषण योजना के तहत विद्यालयों में बच्चों की नियमित स्वास्थ्य जांच के लिए मोबाइल मेडिकल यूनिट का उपयोग सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए. इस बैठक में जिला शिक्षा पदाधिकारी, जिला कार्यक्रम पदाधिकारी, सभी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी, प्रधानाध्यापक एवं अन्य संबंधित कर्मी उपस्थित रहे.