फतेह लाइव, रिपोर्टर.
जमशेदपुर के चाईबासा बस स्टैंड में पिछले डेढ़ साल से कानून बदला हुआ है. यहां राज किसका चलता है, यह तो आने वाला वक्त बताएगा. खैर, शुक्रवार रात को यहां खुलेआम कुछ व्यक्ति शराब पी रहे थे. इससे आम यात्रियों को कठिनाई का सामना करना पड़ा.
आसपास आरपीएसएफ की ड्यूटी, रेल एसपी का कार्यालय, आरपीएफ पोस्ट में लगे सीसीटीवी उन तथाकथित लोगों की पोल खोल सकते हैं. ये लोग शास्त्रगार की सुरक्षा पर भी सवाल बन गए हैं. इन्हें पत्रकारिता की उपाधि से नावाजा जाना भी बनता है. इस पूरे प्रकरण में पत्रकारिता को जीवित रखने के लिए जिच चल रही है, जिसे कल रात अपनों ने खो दिया.
एक करोड़ का नामी पत्रकार किसके पीछे छिपा था, उसका खुलासा भी जल्द होगा, लेकिन वाह पत्रकारिता करने वाले, रात की कहानी कहती है कि थूकना भी मना है. पूरी रिकार्डिंग भी सुनाएंगे और रात की वीडियो भी. तथाकथित पत्रकारों के संरक्षण दाता आप लोगों के साथ क्या कर रहा था. वह भी कालर पकड़ने वालों को लेकर.
बहरहाल, इस टेबल को देखकर किसी ने कहा कि यह टेबल स्टैंड वालों का है तो किसी ने कुछ. सीसीटीवी पूरे शहर में लगे हैं, साहब, इन गुंडा तत्वों को समझायें. समाजसेवी बनने वालों और बनाने वालों का भंडाफोड़ जोरदार तरीके से होगा. आपका ध्यान भटकाने के लिए जो स्टिंग ऑपरेशन शहर में हो रहे हैं, वह गांव देहात में भी शीघ्र होंगे. वहां भी भोले भाले लोग ही हैं.