इन ऑन ने ली है सबसे अधिक बोली लगाकर पार्किंग, रेलवे की अधिक आय आम यात्रियों पर पड़ सकती है भारी, फतेह लाइव ने ड्रापिंग चेक किया
फतेह लाइव, रिपोर्टर.
दक्षिण पूर्व रेलवे जोन के नंबर वन स्टेशन टाटानगर की रेलवे पार्किंग फिर उन दिनों की सुर्खियों में आ सकती है, जब यहां गोलीबारी हुई थी और एक टेम्पो चालक (जितेंद्र) की गोली लगने से मौत हो गई थी. वह डर आम यात्रियों के जहन में अभी भी घर बनाये हुए हैं, लेकिन रेलवे प्रशासन के उन अधिकारियों के लिए यह छोटी सी बात होगी, जो आज यहां उच्च पदों पर विराजमान है.
इसी घटना को दावत देती एक बातचीत की वीडियो सोमवार से ही पूरे शहर में वायरल हो रही है, इसमें मौजूदा नए पार्किंग संचालक और उनसे मिले जुले लोग पार्किंग में अवैध रूप से दुकान लगाने वाले युवा को खूब डांट डपट कर रहे हैं. यह वाक्या हम कह रहे हैं, लेकिन आवाज में यह डांट डपट से कई ऊपर की बात लग रही है. फतेह लाइव को यह क्लिप मिली, जिसकी पुष्टि नहीं की जाती है.
पार्किंग का संचालन इन ऑन कंपनी के बैनर तले करोड़ों में (केवल मेन पार्किंग) राजीव राम ने लिया है. यह नाम का परिचय हम आपको अगले अंक में देंगे, खैर जिस तरह उस छोटे से दुकानदार को गाली गलौज की जा रही है. कहा जा रहा है कि खुलेआम जज की हत्या करके पुलिस हमलोग का कुछ नहीं कर सकी. वह साफ जाहिर करता है कि यहां रेल और जिला प्रशासन को आने वाले दिनों में कई चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा.
पार्किंग टेंडर होने के बाद जो खेल हुए हैं. सूत्रों के जानकार बताते हैं कि नियमों की धज्जियां उड़ाते हैं. जब इन ऑन प्राइवेट लिमिटेड ने अपनी टेंडर की राशि जमा नहीं की तो नियमता उस टेंडर को रद्द किया जाना चाहिए था. उसके बाद नई टेंडर प्रक्रिया शुरू होनी थी, जिससे रेलवे को राजस्व की प्राप्ति होनी तय थी, लेकिन एका-एक मंडल के किस अधिकारी ने रेलवे के राजस्व को नुकसान पहुंचाने का कार्य किया और तय सीमा के बाद नियमों को ताक पर रखकर फिर उस ठेकेदार को मेडिकल ग्राउंड पर पार्किंग संचालन का जिम्मा दे दिया. इसके जैसे कई सवाल रेलवे के अधिकारियों की पोल खोल सकते हैं?
इधर, एक सप्ताह पहले टाटानगर पार्किंग के नए ठेकेदार राजीव राम ने बागडौर संभालनी शुरू की, लेकिन उससे पहले टेम्पो चालकों से अत्यधिक शुल्क का विवाद हो गया. रेलवे कर्मी भी परेशान है. टेम्पो चालक हड़ताल पर रहे और सोमवार को सब ठीक हो गया. उधर बर्ममाइंस में टेम्पो चालक पीस रहे हैं. इधर 25 रूपये तो उधर 48 रूपये टेम्पो चालकों से लिया जा रहा है. मंगलवार को ड्रॉपिंग में पैसे वसूलने की शिकायत पर फतेह लाइव ने ड्रॉपिंग की रियलटी चेक की, लेकिन वहां ऐसा कुछ नहीं मिला.
सूत्र बताते हैं कि ड्रापिंग में रेलवे ने पब्लिक की सुविधा के लिए नए टेंडर में यह प्रावधान रखा है कि 10 मिनट प्राइवेट और कमर्शियल व्हीकल (ओला और ऑटो) को छूट है. लेकिन इसकी सुविधा से पब्लिक वंचित है. जोर जबरदस्ती से पैसा वसूल लिया जा रहा है. यही हाल कुछ बर्मामाइंस पार्किंग में है. जहां टाटा की जमीन पर ऑटो खड़ा करवा करके पैसे की वसूली की जा रही है और ड्रॉपिंग की सुविधा नहीं मिल रही है.
पूर्व पुलिस अधिकारी की भी लग रही रेवड़ी
इस नए दौर में एक पूर्व पुलिस अधिकारी की भी बार बार रात में पार्किंग में रेवड़ी लग रही है. वह पहले बागबेड़ा थाना में भी रह चुके हैं. कदमा, सीआईडी में भी रहे.
ऑडियो में जो कहा अगर सत्य है तो यात्रियों का भगवान मालिक
जो ऑडियो सोमवार को वायरल हुआ है. उसमें टेम्पो चालकों के एक यादव नेता को छूट गालियां बकी जा रही हैं. विधायक को भी नहीं बक्शा गया है. जिसकी बेखौफ आवाज है वह सीधे भोले भाले लोगों को घाघीडीह शिफ्ट करने की बागबेड़ा थाना से बात कर रहा है. सुधीर दूबे का नाम लिया जा रहा है. अपराध जगत के सूत्र बताते हैं कि सुधीर दूबे कभी अखिलेश गैंग का हुआ करता था. कोरोना में अखिलेश गैंग से सुधीर दूबे दूर हो गया था, सीतारामडेरा नितिनबाग कॉलोनी की घटना के बाद.
उसके प्रतिद्वन्दवी कन्हैया सिंह जेल में है. गत वर्ष नीरज दूबे नीरज दूबे पर टाटानगर पार्किंग में रेल नीर के पानी में वर्चस्व को लेकर गोली मारी गई थी. वह भी जेल में है. उन सबकी कड़ी अभी के मौजूदा क्लिप पर टिकी है, जिससे यह कहना गलत नहीं होगा कि आम यात्री का अब भगवान ही मालिक हो सकता है. बागबेड़ा पुलिस के साथ साथ रेल पुलिस को इधर विशेष निगरानी देने की जरूरत है, जहां बहुत कुछ बदलाव चल रहा है.