टाटानगर स्टेशन से राजधानी दिल्ली तक की सुरक्षा में सेंध, जिम्मेदार हो रहे मालामाल, बिना वजन के क्षमता से अधिक माल लोड कर दुर्घटना को दी जा रही दावत
टाटानगर पार्सल साइडिंग से घुसाया जा रहा स्क्रैप, कहीं भी नहीं होती जांच
Charanjeet Singh.
टाटानगर रेलवे स्टेशन से सप्ताह में तीन दिन खुलने वाली टाटा जम्मूतवी एक्सप्रेस (18101) ट्रेन के कारण कभी भी टाटानगर स्टेशन में बड़ा धमाका हो सकता है. यह कहना भी गलत नहीं होगा कि अगर यहां कोई अनहोनी नहीं हुई तो दिल्ली स्टेशन में कुछ हो जाये.
कारण यह है कि इस ट्रेन में अवैध रूप से स्क्रैप की ढुलाई धड़ल्ले से की जा रही है. सूत्रों के अनुसार यह स्क्रैप बर्मामाइंस लाल बाबा फाउंड्री, आदित्यपुर, जुगसलाई आदि स्थानों से लाया जा रहा है. नियमतः इसकी स्थानीय थाना से पुलिस वेरिफिकेशन होनी चाहिए. खैर यह छोड़ दें, टाटानगर स्टेशन से भी अगर स्क्रैप की ढुलाई हो रही है तो जीआरपी को इसकी जांच करनी है, लेकिन अवैध कमाई के खेल में टाटानगर स्टेशन से लेकर दिल्ली तक की हर सुरक्षा एजेंसी इस पर चुप्पी साधे रहती है, जिसके कारण कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है. स्क्रैप की जगह इसमें बारूद भी ढोया जा सकता है. पूरे मामले में सबसे बड़ी लापरवाही वाणिज्य विभाग की है?
एम आर दिखाया और हो गई खेला, नहीं होता वजन
टाटानगर से स्क्रैप ढुलाई का धंधा करीब एक वर्ष से चल रहा है. इसकी सूचना फतेह लाइव को मिली. इसके बाद हमारी टीम इस पर नजर रखी हुई थी. जानकार लोगों ने बताया कि नियमतः ट्रेन की लीज में जो भी माल लोडिंग होना चाहिए. उसके कागजात की जांच पार्सल बाबूओं को करनी है.
जानकार सूत्रों के अनुसार पार्सल साइडिंग से सेटिंग गेटिंग करके लीज होल्डर द्वारा माल को स्टेशन प्रवेश कराया जाता है. इसमें पार्किंग के लोग भी शामिल रहते हैं. उसका एमआर दिखाकर माल को सीधे खड़गपुर छोर में रख दिया जाता है. ट्रेन प्लेस होने के बाद भी उसे चढ़ाने के लिए कोई जिम्मेदार मौजूद नहीं रहते. जो लीज होल्डर ने लिख दिया वही सही.
रविवार को *फतेह लाइव* के स्टिंग ऑपरेशन में ये देखा गया…
सूत्रों से सूचना प्राप्त हुई कि जम्मूतवी ट्रेन में बड़े पैमाने पे स्क्रैप लोडिंग करने के लिए स्टेशन प्रवेश हो गया है. इस पर अपराह्न 3.25 बजे टीम एक नंबर प्लेटफार्म के खड़गपुर छोर में गई. जहां स्वर्णरेखा ट्रेन खड़ी थी. दो पार्सल ट्रॉलियों में करीब 50-60 से अधिक बोरे लदे हुए थे. उसमें स्क्रैप जैसा सख्त सामान पैक था. उसके आसपास कोई भी रेल के जिम्मेदार लोग या फिर उसका मालिस मौजूद नहीं था. इस बीच बूंदा बूंदी होने लगी. इस ट्राली के अलावा और भी पैकेट थोड़ी दूर पड़े थे. बारिश में वह खराब ना हो जाये उसे मजदूरों ने हटाकर शेड के नीचे कर दिया, जबकि यह स्क्रैप जैसा माल वहीं भींगता रहा, यह अपने आप में खुलासा है कि इसमें जो सामान है वह खराब होने वाला नहीं.
खैर, स्वर्णरेखा ट्रेन खुलने के बाद शाम 4.10 बजे जम्मूतवी ट्रेन को प्लेटफार्म पर प्लेस किया गया. करीब 4.25 में पार्सल के तीन निजी मजदूर आये और माल को खुली लीज बोगी में आगे पीछे लोड करने लगे. इस पूरे मामले को कैमरे में कैद किया गया. फोटो होती देख मजदूर सहम से गए और स्टेशन के जिम्मेदार लोगों तक बात पहुंच गई, जिसके बाद मामला सूर्खियों में बन गया. मैनेज करने के लिए भी कई फोन और पैरवी आनी शुरु हो गई.
बहरहाल आपको बता दें कि यह गोरखधंधा मुरारी अग्रवाल द्वारा चलाया जा रहा है. उसके धन शक्ति के इस्तेमाल के आगे वाणिज्य विभाग बौना बना हुआ है और यात्रियों की सुरक्षा से खेल रहा है. ट्रेन की लीज बोगी की क्षमता चार टन है. उससे कई अधिक स्क्रैप इसमें ठेला जाता है, जिससे ट्रेन हादसा होने से भी इनकार नहीं किया जा सकता. यह भी आरोप है कि आम यात्रियों को माल बुकिंग करने के लिए नियम कानून का हवाला देकर मुंह से निकली मोटी रकम की मांग की जाती है और उनका सामान लोड करने में कई दिन लग जाते हैं. वहीं यह भी सवाल है कि जब टाटानगर की अन्य मुख्य ट्रेनों को देखने के लिए पार्सल बाबुओं में होड़ मची रहती है तो जम्मूतवी में यह व्यवस्था क्यों नहीं है?
स्क्रैप स्कैम की सीरीज चलाने पर संपादक को मिली थी धमकी
आपको बता दें कि गत वर्ष फतेह लाइव ने सरायकेला और जमशेदपुर में चल रहे स्क्रैप के खेल को लेकर सीरीज चलाई थी. इसमें सरायकेला पुलिस मुख्यालय के एक बड़ा बाबू को लाइजनर की भूमिका में खुलासा किया गया था. तब फतेह लाइव की रिपोर्ट पर एसपी मुकेश लूनायत ने उसे निलंबित कर दिया था. इसी दौरान फतेह लाइव के संपादक को धमकी मिली थी. जिस पर तत्कालीन एसएसपी किशोर कौशल के त्वरित एक्शन पर मुन्ना जायसवाल और दीपक को गिरफ्तार किया गया था. उसके बाद स्क्रैप का धंधा बंद हुआ था. अब ट्रेन में स्क्रैप का काम माफिया चला रहे हैं. अगर इसकी उच्च स्तरीय प्रशासनिक जांच हो जाये, तो कई बड़े माफियाओं के नाम सामने आएंगे.
क्या कहते हैं रेल क्षेत्र के आरटीआई एक्टिविस्ट
टाटानगर स्टेशन से स्क्रैप का खेल खुलेआम हो रहा है. इस मामले की जानकारी कई बार वरीय अधिकारियों को मौखिक तौर पर दी गई थी, लेकिन आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई. इस मामले को रेलवे बोर्ड, रेल मंतरालय तक भेजूंगा. रेल यात्रियों की सुरक्षा को देखते हुए यह अवैध कारोबार हर हाल में बंद होना चाहिए. पूर्व में भी पार्सल से कोरेक्स, गुटखा, लाहा आदि गैर कानूनी सामानों की ढुलाई की जाती थी. सबके लिए जो भी जिम्मेदार हैं उनपर कार्रवाई होनी चाहिए. कमलेश कुमार, आरटीआई कार्यकर्ता.
आप जो बता रहे हैं उसकी जानकारी नहीं है, चेक करवाता हूं : Sr. Dcm
इधर, इस मामले में चक्रधरपुर रेल मंडल के वरीय वाणिज्य प्रबंधक आदित्य चौधरी से बात की गई. उन्होंने कहा कि आप जो बोल रहे हैं. इसकी उन्हें कोई जानकारी नहीं है. जो भी माल ट्रेन में लोड होगा उसका वजन अनिवार्य है. मैं इस संबंध में स्थानीय अधिकारियों से जानकारी लेकर ही कुछ कह पाऊंगा.