पंथ की आत्मा और गुरु की परंपरा है रहत मर्यादा, इसे निभाना हर सिख का धर्म : हरविंदर जमशेदपुरी
फतेह लाइव, रिपोर्टर.
सिख धर्म की मर्यादा और परंपराओं को और अधिक सशक्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल करते हुए जमशेदपुर के प्रख्यात सिख धर्म प्रचारक, विचारक एवं चिंतक भाई हरविंदर सिंह जमशेदपुरी ने श्री अकाल तख़्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी कुलदीप सिंह गढ़गज से भेंट कर कोल्हान क्षेत्र के गुरुद्वारों में रहत मर्यादा को सुचारु रूप से लागू करने की दर्खास्त की।
जमशेदपुर प्रवास पर आए जत्थेदार गढ़गज से हुई इस मुलाकात में भाई हरविंदर सिंह जमशेदपुरी ने स्पष्ट कहा कि गुरुद्वारों में रहत मर्यादा का पालन होना अनिवार्य रूप से निहायत ज़रूरी है। मर्यादा ही सिख पंथ की पहचान है। इसके बिना अनुशासन, एकजुटता और असली सेवा की भावना अधूरी रह जाती है। उन्होंने जत्थेदार गढ़गज को इस मुद्दे की गंभीरता से अवगत कराते हुए कहा कि कोल्हान के अनेक गुरुद्वारों में रहत मर्यादा का पालन नहीं हो पा रहा है, जिससे श्रद्धालुओं के बीच मतभेद और विवाद की स्थिति बनती है। इस पर जत्थेदार गढ़गज ने पूरा ध्यान देते हुए कहा कि रहत मर्यादा का पालन सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।
जत्थेदार ज्ञानी कुलदीप सिंह गढ़गज ने आश्वस्त करते हुए कहा कि रहत मर्यादा लागू करना केवल धार्मिक अनुशासन ही नहीं, बल्कि पंथ की गरिमा और अखंडता का विषय है। कोल्हान के गुरुद्वारों में इसे लागू करने के लिए वे आवश्यक दिशा-निर्देश और कथा-प्रचार करेंगे।
इसके अलावा, भाई जमशेदपुरी ने गुरुद्वारों में हो रहे विवादों का मुद्दा भी जोरदार ढंग से उठाया। उन्होंने जत्थेदार गढ़गज से कहा कि मतभेदों का निवारण केवल रहत मर्यादा के अनुपालन से ही संभव है। इस पर जत्थेदार गढ़गज ने गंभीरता से सहमति जताई और समुदाय को आपसी एकता बनाए रखने का संदेश दिया।
भाई हरविंदर सिंह जमशेदपुरी की यह पहल कोल्हान क्षेत्र में सिख पंथ की मर्यादा को मजबूत करने और गुरुद्वारों में अनुशासन स्थापित करने की दिशा में ऐतिहासिक मानी जा रही है।