फतेह लाइव रिपोर्टर
सुप्रीम कोर्ट के द्वारा दोबारा फटकार लगने के बाद स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) ने चुनाव आयोग में इलेक्टोरल बॉन्ड से जुड़ी सारी जानकारी उपलब्ध करा दी है। इस संदर्भ में एसबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा भी दायर कर दिया है. सुप्रीम अदालत ने 18 मार्च को सुनवाई के दौरान बैंक को आदेश दिया था कि हर बॉन्ड का अल्फान्यूमेरिक नंबर और सीरियल नंबर, खरीद की तारीख और राशि सहित सभी जानकारियां दें।जिसके बाद भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने चुनावी बॉन्ड के सभी विवरण सीरियल नंबर के साथ चुनाव आयोग को सौंप दिए हैं। मालूम हो कि चुनावी चंदे के लिए इलेक्टोरल बॉन्ड्स की जानकारी साझा करने को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने एसबीआई को कड़ी फटकार लगाई थी.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पस्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा देकर कहा है कि, उन्होंने चुनाव आयोग को इलेक्टोरल बॉन्ड से जुड़ा सारा डेटा दे दिया है. SBI ने कहा कि, हमारी ओर से अब कोई कोर-कसर बाकी नहीं है. हमने इसकी सारी डिटेल निर्वाचन आयोग को जैसा बताया गया था, वैसा ही सौंप दिया है.
क्या बोले SBI चेयरमैन?
SBI चेयरमैन दिनेश कुमार खारा ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर कर कहा है कि हमने कोर्ट के आदेश के मुताबिक चुनावी बॉन्ड्स से जुड़ी सारी जानकारी तय समय सीमा यानी 21 मार्च शाम पांच बजे से पहले ही उपलब्ध करा दी है. इस जानकारी में बॉन्ड का अल्फा न्यूमेरिक नंबर यानी यूनीक नंबर, बॉन्ड की कीमत, खरीददार का नाम, भुगतान पाने वाली पार्टी का नाम, पार्टी के बैंक एकाउंट की आखिरी चार डिजिट नंबर, भुनाये गए बांड की क़ीमत/ नंबर शामिल है. साइबर सिक्युरिटी के मद्देनजर राजनीतिक पार्टी का पूरा बैंक खाता नंबर, पार्टी और बांड खरीदने वाले की KYC डिटेल्स सार्वजनिक नहीं की गई है.
सुप्रीम कोर्ट ने लगाई थी फटकार
बता दें कि, इलेक्टोरल बॉन्ड पर सुप्रीम फैसले के एक महीने बाद भी स्टेट बैंक ऑफ इंडिया इसका डेटा ठीक ढंग से जारी नहीं कर पाया था. कोर्ट को एसबीआई को फिर फटकार लगानी पड़ी थी. चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने पूछा था कि क्या बैंक को कोर्ट का फैसला समझ नहीं आया? चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ ने सोमवार की सुनवाई में बैंक और कंपनियों की तरफ से पेश वकीलों को निर्देश दिया कि एसबीआई को 21 मार्च को शाम 5 बजे से पहले बॉन्ड से जुड़े तमाम डेटा जारी करने के आदेश दिए. फैसले के मुताबिक, बैंक बॉन्ड का डेटा चुनाव आयोग को सौंपना था, जो आयोग की साइट पर पब्लिश किया जाएगा, ताकि उन्हें आसानी से एक्सेस किया जा सके. इस आदेश के बाद SBI ने गुरुवार को ये डाटा चुनाव आयोग को सौंप दिया.