- गवाहों के बयान में विरोधाभास के आधार पर कोर्ट ने दिया फैसला, अधिवक्ता गुड्डू हैदर और समीर से ने की पैरवी
- अदालती फैसले में न्याय की जीत, अधिवक्ताओं की सटीक दलीलों ने दिलाई राहत
फतेह लाइव, रिपोर्टर
जमशेदपुर के अतिरिक्त जिला सत्र न्यायाधीश-6 नमिता कुमारी की अदालत ने बहुचर्चित बोवाइन एक्ट के तहत चल रहे मामले में अकरम हुसैन उर्फ पप्पू को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया. यह मामला 12 अप्रैल 2019 का है, जब आजादनगर थाना को गुप्त सूचना मिली थी कि ओल्ड पुरुलिया रोड स्थित सोनू कसाई के घर में गोवंशीय मांस की खरीद-बिक्री हो रही है. पुलिस छापेमारी में सोनू कसाई और दो अन्य फरार हो गए थे, जबकि अकरम को 200 किलो मांस और तीन गायों के साथ गिरफ्तार किया गया था. पूछताछ में सामने आया कि अकरम केवल मजदूरी करता था और उसे 500 रुपये प्रतिदिन की मजदूरी मिलती थी.
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गुप्त सूचना पर हुई थी कार्रवाई, गवाहों के बयान में विरोधाभास ने पलटा केस
इस मामले में सात साल चले मुकदमे के दौरान सात गवाहों ने गवाही दी, लेकिन अभियोजन पक्ष अपने आरोपों को प्रमाणित करने में असफल रहा. गवाहों के बयानों में विरोधाभास और स्पष्टता की कमी को अभियुक्त के वकीलों गुड्डू हैदर और समीर से ने प्रभावी ढंग से उजागर किया. इसके आधार पर न्यायालय ने अकरम हुसैन को बरी कर दिया. वहीं अन्य फरार आरोपियों के खिलाफ जांच अभी भी लंबित है.