• धान की बुआई से पूर्व पूजा-अर्चना कर सुख-समृद्धि और बारिश की कामना

फतेह लाइव रिपोर्टर

कुचाई प्रखण्ड के बंदोलहार पंचायत के पारलवादी गांव में पारंपरिक वार्षिक बुना पूजा का आयोजन किया गया. यह पूजा खेतों में धान की बोआई से पहले ग्राम देवता, धर्म देवता एवं पाउड़ी माता की आराधना के लिए की जाती है. इस प्राचीन परंपरा के तहत सभी विधि-विधान के साथ पूजा-अर्चना की गई. गांव के दिउरी कृष्ण हेंब्रम ने पूजा स्थल पर विधिपूर्वक अनुष्ठान किया. इस पूजा में अच्छी वर्षा, खेती की उन्नति एवं गांव की खुशहाली के लिए प्रार्थना की गई.

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परंपरागत बुना पूजा से जुड़ी लोक मान्यताएं

बुना पूजा में गो-धन की वृद्धि के लिए भी मन्नत मांगी जाती है. इस मौके पर अंगद महतो, रविप्रकाश महतो, सुभाष महतो, रंजीत महतो, शशिकांत महतो, गोवर्धन महतो, हेमराज महतो, अविनाश महतो, शंकर महतो, आनंद महतो सहित कई ग्रामीण मौजूद रहे. क्षेत्रीय मान्यता है कि इस पूजा से ग्राम देवता प्रसन्न होते हैं और इसके बाद ही खेतों में धान की बुआई शुरू होती है.

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