- भव्यता, गरिमा और सनातन परंपराओं के अनुसार मनाया जाएगा रामनवमी महोत्सव
फतेह लाइव, रिपोर्टर












रामनवमी महोत्सव की तैयारी और सफलता को लेकर केंद्रीय रामनवमी अखाड़ा समिति की एक महत्वपूर्ण बैठक शुक्रवार को साकची स्थित उत्कल एसोसिएशन सभागार में संपन्न हुई. समिति के अध्यक्ष आशुतोष सिंह की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में 153 लाइसेंसी और 13 गैर-लाइसेंसी अखाड़ा समितियों के पदाधिकारी एवं सदस्य उपस्थित हुए. बैठक में निर्णय लिया गया कि इस वर्ष रामनवमी महोत्सव को पूरी भव्यता, गरिमा और सनातन परंपराओं के अनुरूप मनाया जाएगा. सभी अखाड़ा समितियाँ अपने-अपने क्षेत्र में बैठकें आयोजित कर शांति और अनुशासन के साथ जुलूस निकालने की विस्तृत कार्ययोजना तैयार करेंगी. इसके साथ ही शहरभर में विभिन्न अखाड़ों द्वारा भव्य शोभायात्राएँ निकाली जाएंगी, जो सनातन संस्कृति और परंपराओं की झलक प्रस्तुत करेंगी.
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केंद्रीय रामनवमी अखाड़ा समिति ने निर्धारित की कार्ययोजना
बैठक में यह भी तय किया गया कि अखाड़ों की शोभायात्रा और विसर्जन 7 अप्रैल, 2025 को सम्पन्न होगा. इस अवसर पर प्रशासन के सहयोग से सुरक्षा, व्यवस्था और अनुशासन सुनिश्चित किया जाएगा. समिति ने रामनवमी महोत्सव के आयोजन को समर्पित रहते हुए सभी अखाड़ों से आग्रह किया कि वे इस आयोजन को मर्यादा, भव्यता और समयबद्धता के साथ सम्पन्न करें. इसके साथ ही, जय श्रीराम के उद्घोष के साथ सभी ने संकल्प लिया कि रामनवमी महोत्सव को हमारी सनातन संस्कृति का जीवंत उदाहरण बनाने के लिए हर संभव प्रयास किया जाएगा.
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सुरक्षा व्यवस्था और शोभायात्रा की तारीख तय की गई
बैठक में कई अखाड़ा समितियों ने रामनवमी महोत्सव के आयोजन को लेकर सामने आ रही समस्याओं का उल्लेख किया. नारायण अखाड़ा, मानगो ने डिमना रोड पर अखाड़ा जुलूस के दौरान यातायात व्यवस्था की कठिनाई और श्रद्धालुओं को होने वाली समस्याओं को उठाया. सोनारी स्थित सूरज अखाड़ा ने मैदान पर अवैध अतिक्रमण की समस्या को उठाया, वहीं टिनप्लेट अखाड़ा समिति ने बैठक में आपत्ति जताते हुए कहा कि झंडा पूजन स्थल के ठीक सामने डस्टबिन लगाया गया है, जो असम्मानजनक है. समिति ने इस स्थान को किसी अन्य उपयुक्त स्थान पर स्थानांतरित करने का सुझाव दिया. इसके अलावा, बागबेड़ा बड़ौदा घाट स्थित काली मंदिर अखाड़ा के प्रतिनिधि अभिषेक सिंह ने नदी की सफाई और स्वच्छता की आवश्यकता पर जोर दिया. इन सभी समस्याओं के समाधान के लिए केंद्रीय रामनवमी अखाड़ा समिति ने प्रशासनिक अधिकारियों से सहयोग की मांग की.
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अखाड़ा समितियों ने की प्रशासन से सहयोग की अपील
बैठक को संबोधित करते हुए समिति के मुख्य संरक्षक चंद्रगुप्त सिंह ने कहा कि रामनवमी महोत्सव केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं है, बल्कि यह सनातन धर्म के मूल्यों और प्रभु श्रीराम के आदर्शों को जीवन में आत्मसात करने का एक अवसर है. उन्होंने सभी धर्मप्रेमियों से आह्वान किया कि वे इस महोत्सव को मर्यादा, अनुशासन और भव्यता के साथ मनाने का संकल्प लें. उन्होंने कहा कि इस महोत्सव के माध्यम से हमें अपनी सांस्कृतिक धरोहर को सुरक्षित रखना और उसे आने वाली पीढ़ियों तक पहुंचाना है. इसके बाद, समिति के अध्यक्ष आशुतोष सिंह ने बताया कि प्रशासनिक पदाधिकारियों से लगातार संवाद जारी है और सभी आवश्यक व्यवस्थाएँ की जा रही हैं, ताकि रामनवमी महोत्सव की सफलता सुनिश्चित हो सके.
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मुख्य संरक्षक और अध्यक्ष ने महोत्सव के उद्देश्य और व्यवस्थाओं पर चर्चा की
बैठक के समापन पर समिति के संरक्षक नीरज सिंह ने विश्वास जताया कि इस वर्ष का रामनवमी महोत्सव एक ऐतिहासिक रूप लेगा, जिसमें भक्ति, श्रद्धा और मर्यादा का अद्भुत संगम देखने को मिलेगा. समिति ने सभी सनातनी भक्तों से इस आयोजन को सफल बनाने में सहयोग की अपील की. संरक्षक शंकर रेड्डी ने कहा कि रामनवमी महोत्सव के दौरान लौहनगरी जमशेदपुर धर्म, आस्था और शक्ति का केंद्र बनेगा, जहाँ अखाड़ों की भव्य शोभायात्राएँ श्रीराम के आदर्शों का संदेश, वैदिक परंपराओं की झलक और शक्ति प्रदर्शन के माध्यम से सनातन संस्कृति को गौरवान्वित करेंगी. बैठक का संचालन महासचिव भूपेंद्र सिंह ने किया, जबकि कोषाध्यक्ष शंभु मुखी ने धन्यवाद ज्ञापन दिया. इस अवसर पर अखाड़ा समितियों के प्रमुखों और सदस्यों का अंगवस्त्र और पुष्पवर्षा कर स्वागत किया गया.