फतेह लाइव, रिपोर्टर
सरायकेला विधानसभा सीट पर झामुमो ने गणेश महाली को अपना प्रत्याशी बनाया है. जबकि भाजपा ने चंपई सोरेन को अपना प्रत्याशी बनाया है। इस सीट पर झामुमो व भाजपा की सीधी टक्कर है. इस सीट पर सातवीं बार चंपई सोरेन विधायक बनने के लिए चुनावी मैदान में उतरे हैं, जबकि गणेश महाली का मुकाबला दो बार चंपई सोरेन से इसी सीट पर हो चुके है. फर्क है तो सिर्फ पार्टी का. दोनों अलग-अलग पार्टी से आमने-सामने थे. सरायकेला टाउन की बात करें तो जानकार बताते हैं कि यहां झामुमो व भाजपा को मतदान आधा-आधा मिलने की उम्मीद है. सरायकेला विधानसभा में संथाल वोटरों की संख्या करीब 70 हजार है. वहीं महतो वोट 45 हजार के करीब हैं. इस विधानसभा में संथाल वोट ही किसी के जीत हार का फैसला करती है. इसलिए चंपई सोरेन व गणेश महाली दोनों ही प्रत्याशियों द्वारा संथाल वोटरों को अपने पक्ष में करने में लगे हुए हैं.
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कई महत्वपूर्ण पद शामिल हैं चंपई सोरेन की राजनीतिक सफर में
भाजपा नेता अर्जुन मुंडा की सरकार में चंपई सोरेन कैबिनेट मंत्री थे और उन्हें अहम मंत्रालय दिए गए थे. चंपई सितंबर 2010 से जनवरी 2013 तक मंत्री रहे और इसके बाद राज्य में राष्ट्रपति शासन लग गया था. हेमंत सोरेन के नेतृत्व में JMM की सरकार में चंपई खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति व परिवहन मंत्री रहे, 2019 में फिर हेमंत के सीएम बनने पर उन्होंने परिवहन, अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति और पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री का कार्यभार संभाला.
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झामुमो छोड़कर भाजपा में हुए शामिल
जुलाई में चंपई ने सीएम पद से इस्तीफा दे दिया था. इसके बाद, हेमंत सोरेन फिर से झारखंड के सीएम बन गए. यहां तक कि हेमंत ने चंपई को अपने नए कैबिनेट में जगह भी दी, लेकिन कुछ समय बाद दोनों के रिश्तों में खटास आनी शुरू हो गई. चंपई ने बाद में कैबिनेट मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया. इसके बाद, भाजपा में शामिल हो गए.