- केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर लगे नारे, श्रम कानून संशोधन पर जताई नाराजगी
- 12 घंटे काम और हड़ताल के अधिकार पर सवाल, मजदूरों से एकजुट होने की अपील
- यूनियन ने कहा- मजदूरों के अधिकार के लिए लड़ाई जारी रहेगी
फतेह लाइव, रिपोर्टर
केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के राष्ट्रव्यापी आह्वान पर मंगलवार को घाटशिला स्थित आईसीसी कारखाना गेट के सामने ताम्रकर्मियों ने काला बिल्ला लगाकर विरोध प्रदर्शन किया। आईसीसी वर्कर्स यूनियन मऊभंडार के नेतृत्व में हुए इस प्रदर्शन को इंटक और झारखंड कॉपर मजदूर यूनियन का भी समर्थन मिला। गेट सभा में अध्यक्ष बी एन सिंहदेव ने कहा कि केंद्र सरकार की मजदूर विरोधी नीतियों के चलते उद्योगों में मंदी आ गई है। उन्होंने बताया कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में तांबे की कीमत रिकॉर्ड स्तर पर होने के बावजूद आईसीसी जैसे उद्योग बंद होने की कगार पर हैं। यूनियन के महासचिव ओमप्रकाश सिंह ने कहा कि सरकार श्रमिकों के हक में नहीं, बल्कि उनके अधिकारों को छीनने की दिशा में काम कर रही है।
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मंदी और बंदी के लिए मजदूरों ने सरकार की नीतियों को ठहराया जिम्मेदार
ओमप्रकाश सिंह ने सभा में कहा कि केंद्र सरकार अब काम के घंटे 12 करने और मजदूरी को घंटे के हिसाब से करने की तैयारी कर रही है। इसके साथ ही दो दर्जन से अधिक श्रम कानूनों को खत्म कर केवल चार श्रम कोड लागू किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि हड़ताल करने का अधिकार भी छीना जा रहा है। ओमप्रकाश सिंह ने कहा कि सरकार ने 2022 तक सभी को पक्का मकान देने और स्मार्ट सिटी बनाने का वादा किया था, जो अब तक अधूरा है। अब सरकार 2047 तक विकास का झूठा सपना दिखा रही है।
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मजदूर बोले- सरकार ने वादे किए, लेकिन पूरे नहीं किए
सभा में यूनियन नेताओं ने मजदूरों से अपील की कि वे एकजुट होकर अपने अधिकारों के लिए संघर्ष करें। उन्होंने कहा कि आईसीसी वर्कर्स यूनियन मजदूरों की आवाज हमेशा बुलंद करती रही है और आगे भी करेगी। इस मौके पर जयंत उपाध्याय, एन के राय, अरिंदम मुखर्जी, संजय सिंह, काल्टू चक्रवर्ती, धनंजय माझी समेत बड़ी संख्या में मजदूर उपस्थित थे।