फतेह लाइव, रिपोर्टर
झालसा रांची के निर्देशानुसार एवं प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकार गिरिडीह अरविंद कुमार पांडेय, सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकार (प्रभार) सीमा मिंज के आदेशानुसार शनिवार को विश्व ब्रेल दिवस के अवसर पर कार्यक्रम को संबोधित करते हुए विधिक जागरूकता सह साक्षरता शिविर का आयोजन नेत्रहीन विद्यालय अजीडीह में किया गया. पैनल अधिवक्ता मो फैयाज अहमद ने बताया कि विश्व ब्रेल दिवस 2025 की थीम ‘समावेश और विविधता के माध्यम से सशक्तिकरण’ है. इस थीम का मकसद, दृष्टिबाधित लोगों को समाज के हर पहलू में शामिल करना और उन्हें स्वीकार करना है.
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यह थीम, दृष्टिबाधित समुदाय में विविधता को अपनाने की ताकत पर ज़ोर देती है, साथ ही, यह एक समावेशी माहौल की वकालत करती है, जहां हर कोई अपनी क्षमताओं के मुताबिक आगे बढ़ सके और योगदान दे सके. विश्व ब्रेल दिवस हर साल 4 जनवरी को मनाया जाता है. यह दिन ब्रेल लिपि के आविष्कारक लुई ब्रेल के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है. पैनल अधिवक्ता रविकांत शर्मा ने बताया कि लुई ब्रेल का जन्म 1809 में फ़्रांस में हुआ था. उन्होंने 10 साल की उम्र में फ़्रांस के रॉयल इंस्टीट्यूट फ़ॉर ब्लाइंड यूथ में पढ़ाई की थी. उन्होंने उभरे हुए बिंदुओं की प्रणाली को विकसित किया, जिसे बाद में ब्रेल के नाम से जाना गया.
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ब्रेल लिपि से जुड़ी कुछ खास बातें
ब्रेल लिपि, नेत्रहीन लोगों के लिए बनाई गई एक लेखन पद्धति है. ब्रेल लिपि किसी भी भाषा को लिखने के लिए इस्तेमाल की जा सकती है. यह कई भाषाओं में उपलब्ध है, जैसे कि संस्कृत, अरबी, चीनी, हिब्रू और स्पेनिश. ब्रेल लिपि पढ़ने के लिए, अंगुलियों को बायीं से दायीं ओर बिंदुओं पर चलाया जाता है और उभरे हुए पैटर्न को महसूस किया जाता है. इस कार्यक्रम को सफल बनाने में पीएलभी दिलीप कुमार, अशोक कुमार वर्मा, कामेश्वर कुमार, सुनील कुमार, रिया कुमारी की महत्वपूर्ण भूमिका रही.