- वार्षिक महोत्सव में “भविष्य के धातु” विषय पर जोर
- विद्यार्थियों एवं विशेषज्ञों ने की प्रेरणादायक बातें
फतेह लाइव, रिपोर्टर
बीआईटी सिंदरी के धातविकी अभियांत्रण विभाग ने अपने वार्षिक विभागीय महोत्सव “धात्विका 25” के दसवें संस्करण का भव्य उद्घाटन किया. इस वर्ष का महोत्सव “भविष्य के धातु” थीम के तहत आयोजित किया गया, जो धातविज्ञान, नवाचार और स्थायित्व के क्षेत्र में प्रगति की दिशा को दर्शाता है. कार्यक्रम का उद्घाटन प्रोफेसर-इन-चार्ज, धात्विका, प्रो. कीर्ति माधवी ने अतिथियों का स्वागत करके किया. इसके बाद विभागीय और संस्थागत गणमान्य व्यक्तियों ने छात्रों को प्रेरित करने वाले विचार प्रस्तुत किए. महोत्सव में छात्रों और शिक्षकों के बीच उत्साही वातावरण देखने को मिला.
इसे भी पढ़ें : Jamshedpur : भारतीय सेना ने पूरी दुनिया के सामने देश का सिर ऊंचा किया : सतनाम सिंह गंभीर
कार्यक्रम की गरिमा में प्रमुख अतिथि डॉ. एम. पी. रॉय, प्रमुख वैज्ञानिक एवं प्रोफेसर, AcSIR, सीएसआईआर – सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ माइनिंग एंड फ्यूल रिसर्च (CIMFR) ने खनन और सीएसआईआर की भूमिका पर एक ज्ञानवर्धक व्याख्यान दिया. उनका व्याख्यान “भविष्य के धातु” की थीम से पूरी तरह मेल खाता था और उन्होंने समकालीन औद्योगिक अनुसंधान के महत्व पर जोर दिया. इसके अलावा, विशिष्ट वक्ता डॉ. मीनाक्षी सभरवाल, चीफ क्वालिटी एंड बिज़नेस एक्सीलेंस ऑफिसर, वेदांता ईएसएल ने संसाधनों के इष्टतम उपयोग और विकास में स्थायित्व की आवश्यकता को रेखांकित किया, जो विद्यार्थियों के लिए अत्यधिक प्रेरणादायक था.
इसे भी पढ़ें : Jamshedpur : भारत की निर्णायक कार्रवाई से डरा पाकिस्तान, मित्र देशों का आभार : अंकित आनंद
कार्यक्रम के औपचारिक सत्र का समापन प्रो. मोहम्मद इज़हार हुसैन द्वारा धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ. उन्होंने सभी अतिथियों, शिक्षकों और प्रतिभागियों के प्रति आभार व्यक्त किया. इस दिनभर के कार्यक्रम में विशेषज्ञ वार्ता, ग्रुप डिस्कशन, अवसर, आरंभ और मेटल-ओ-ग्राफी जैसे विविध आकर्षक कार्यक्रम शामिल थे, जिन्होंने “भविष्य के धातु” की थीम के अंतर्गत प्रतिभा और टीमवर्क का अद्भुत प्रदर्शन किया. कार्यक्रम का सफलता पूर्वक संचालन डॉ. ए. के. रजक, विभागाध्यक्ष के नेतृत्व में हुआ, जिनकी दूरदर्शिता और विभागीय संकाय सदस्यों की सहयोग से यह कार्यक्रम भव्य रूप से संपन्न हुआ.