फतेह लाइव, रिपोर्टर. 

ऑल इंडिया इंटक के सचिव और झारखंड प्रदेश इंटक के उपाध्यक्ष ब्रजेंद्र प्रसाद सिंह ने कहा है की नया लेबर कोड लागू करना मजदूर के हक में नहीं है. केंद्र सरकार के द्वारा कुछ वर्षों से मजदूर विरोधी रवैया देखी जा रही थी, लेकिन अंतत 21 नवंबर को केंद्र सरकार द्वारा चार नए लेबर कोड को लाकर यह साबित कर दिया है की वर्तमान केंद्र सरकार मजदूर विरोधी है.

किसान विरोधी है और वह सिर्फ उद्योगपतियों को फायदा के लिए ही इस तरह का कानून बनाया है. नया लेबर कोड लागू होने से मजदूरों की सैलरी ग्रेच्युटी और पेंशन पर भी प्रभाव पड़ेगा. उनको घर ले जाने के लिए वेतन भी कम हो जाएंगे. यहां तक की इसका सीधा-सीधा असर ग्रेच्युटी पर भी पड़ेगा. सिंह ने आगे कहा है की जो नया कानून बनाया गया है. वह 300 से कम मजदूर वाले फैक्ट्री को फायदा दिलाने के लिए बनी है, ताकि उनके करीबी लोगों को फायदा हो और उद्योगपति लाभान्वित हो सके तथा मजदूरों को किसी तरह का फायदा नहीं होगा.

नया कानून लागू होने पर द्विपक्षीय वार्ता भी संभव नहीं हो पाएगी, क्योंकि वह एक से ज्यादा यूनियन को वार्ता के लिए बुलाएंगे ही नहीं और जहां एक से ज्यादा यूनियन रहेगी. वहां अपने मनपसंद यूनियन को ही तर्जिह देंगे और उनसे वार्ता करेंगे. नए कानून से किसी भी उद्योग में अगर मजदूरों के द्वारा छोटी सी भी गलती होगी तो उसे बर्खास्त भी किया जा सकता है. केंद्र सरकार से मांग करते हैं की नई लेबर कोड को संशोधित कर मजदूर हक में लाया जाए ताकि मजदूर लाभान्वित हो सके.

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