फतेह लाइव, रिपोर्टर.
बीआईटी सिंदरी में आयोजित त्री-दिवसीय प्लेटिनम जुबली समारोह की तृतीय एवं अंतिम दिन रविवार को भव्य समापन समारोह का आयोजन हुआ।
तृतीय दिवस के कार्यक्रम का प्रारंभ देशपांडे ऑडिटोरियम में संस्थान के पहले निदेशक प्रोफेसर डी. एल. देशपांडे के प्रतिमा पर माल्यार्पण के साथ हुआ। इस समय मुख्य अतिथि के रूप में अमरेंदु प्रकाश (चेयरमैन, सेल), शशांक शेखर गरुरियार (चेयरमैन, साइबर विद्यापीठ), राजकुमार चौधरी (अध्यक्ष,एनएचपीसी), प्रो. डीके सिंह (वाइस चांसलर, जूयूटी, रांची), प्रो. बिएस सहाय (निदेशक आईआईएम जम्मू), दिव्यांशु राज (प्रेसिडेंट बिटसाना), अमित राय (प्रेसिडेंट बिटसा), श्वेता कुमारी (सेक्रेटरी बिटसा), संस्थान के निदेशक प्रो. पंकज राय, सीडीसी चेयरमैन प्रो. घनश्याम, डीन प्रो. प्रकाश कुमार, संस्थान के पूर्ववर्ती छात्र एवं प्रोफेसर्स उपस्थित थे।
तत्पश्चात झारखंड के संस्कृति को प्रदर्शित करती सांस्कृतक नृत्य के साथ सभी अतिथियों को एम.सी मैदान में आदर पूर्वक लाया गया। इस कार्यक्रम का प्रारंभ दीप प्रज्वलन के साथ हुआ।
कार्यक्रम का प्रारंभ करते हुए निदेशक ), प्रो. पंकज राय ने मुख्य अतिथि, सेल के अध्यक्ष, कुलपति, पूर्व छात्र, प्रोफेसर और छात्रों का स्वागत करते हुए उन्होंने कहा कि बीआईटी सिंदरी दिन-प्रतिदिन प्रगति कर रहा है, और यह झारखंड सरकार की मदद से संभव हुआ है। नई इमारतों और होस्टल्स का निर्माण इसका उदाहरण है। इस वर्ष “साइबर सिक्योरिटी” नामक नया विभाग जोड़ा गया है, और विभाग की संख्या भी बढ़ी है। उन्होंने बीआईटी सिंदरी का सहयोग करने के लिए बिटसाना का धन्यवाद अर्पण किया और उन्होंने कहा कि पूर्व छात्रों ने बस और एंबुलेंस भी प्रदान की है। सभी पूर्व छात्र हमेशा स्वागत योग्य हैं और छात्रों को मार्गदर्शन देने के लिए आमंत्रित हैं, ताकि देश की प्रगति में योगदान दिया जा सके।
प्रो. बी.एस. सहाय ने कहा बीआईटी सिंदरी मेरे जीवन में एक अहम भूमिका निभाता है। मैं आज आपके सामने बीआईटी सिंदरी की वजह से बोल रहा हूँ। यदि आज बीआईटी सिंदरी मौजूद न होता तो मैं भी आज यहां उपस्थित नहीं होता। यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम इस धरोहर को आगे बढ़ाएं। प्रो. डी.के. सिंह ने प्लैटिनम जुबली के इस अवसर पर सभी मुख्य अतिथियों, प्रोफेसरों, पूर्व छात्रों और छात्रों को बधाई दी। प्रो. प्रकाश कुमार ने अंतर्राष्ट्रीय सेमिनार की सफलता के लिए सभी का धन्यवाद किया। उन्होंने सभी पूर्व छात्रों को याद करते हुए उनके योगदान जैसे की ; 1994 बैच के बीआईटी कैंटीन रेनोवेशन BITSANAA के द्वारा 75 लैपटॉप डिस्टीब्यूशन वगैरह विषयों पर प्रकाश डाला। उन्होंने यह भी कहा कि बीआईटी सिंदरी के पूर्व छात्र बहुत सक्रिय और उत्कृष्ट हैं, जो अन्य कॉलेजों के लिए मिसाल है।
राज कुमार चौधरी ने कहा संस्थान में सबसे प्रभावी हथियार शिक्षा की गुणवत्ता और छात्रों की गुणवत्ता है। 15-20 वर्षों में इंफ्रास्ट्रक्चर की परिभाषा बदलती है। इंफ्रास्ट्रक्चर को वर्ल्ड क्लास होना चाहिए। कई लोगों ने इतिहास लिखा है, लेकिन देसपांडे सर ने उच्च शिक्षा के क्षेत्र में अपनी खुद की एक सदी का इतिहास रचा है। अमरेंदू प्रकाश ने इस प्लैटिनम जुबली को सफल और गौरवपूर्ण बनाने के लिए सभी का धन्यवाद किया। उन्होंने कहा कि आज कोई मुख्य अतिथि या पूर्व छात्र नहीं है, बल्कि आज हम सभी बीआईटी सिंदरी के छात्र हैं। हमें यह नहीं सोचना चाहिए कि संस्थान हमें क्या देगा, बल्कि यह सोचना चाहिए कि हम संस्थान के लिए क्या कर सकते हैं।
बीआईटी सिंदरी के छात्र महान कार्य करने में सक्षम हैं। हमें इस एमसी ग्राउंड को एक स्टेडियम में बदलने की दिशा में काम करना चाहिए। इंफ्रास्ट्रक्चर से महान लोग नहीं बनते, बल्कि महान लोग ही इंफ्रास्ट्रक्चर को बनाते हैं। डॉ घनश्याम ने सभी मुख्य अतिथियों, पूर्व छात्रों और आयोजन में शामिल सभी कर्मचारियों का धन्यवाद किया और कहा कि हम हमेशा उनका स्वागत करते हैं। वे कभी भी यहां आकर अपने बचपन के दिनों को याद कर सकते हैं और छात्रों को अपने अनुभव से मार्गदर्शन दे सकते हैं।
डॉ. मीना सिन्हा, एमडी, और श्री रजत सिन्हा (1958-1962) ने अपनी बेटी, दिवंगत डॉ. शिनी सिन्हा, एमडी, को भावपूर्ण श्रद्धांजलि देते हुए, बीआईटी सिंदरी के रासायनिक अभियांत्रिकी विभाग को उन्नत पर्यावरण इंजीनियरिंग प्रयोगशाला उपकरण दान किए। इस प्रयोगशाला का उद्घाटन 17 नवंबर को संस्थान के प्लेटिनम जुबली समारोह के तहत किया गया।
बीआईटी सिंदरी में आज कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें संस्थान के कर्मचारियों और श्रमिकों को उनके समर्पण और कड़ी मेहनत के लिए सम्मानित किया गया। ईस कार्यक्रम में मुख्य रूप से दिव्यांशु राज (बीटसाना, प्रेसिडेंट), प्रोफेसर डीके सिंह ( वाइस चांसलर, जे यू टी), संस्थान के निदेशक डॉ पंकज राय, सीडीसी अध्यक्ष डॉ घनश्याम थे। अंत में, 1973-1977 बैच के पूर्व छात्र ने कर्मचारियों के सम्मान में हैंडबैग और शाल भेंट किए।
बीआईटी सिंदरी में “उभरती प्रौद्योगिकी: एआई और जनरेटिव एआई” विषय पर एक संगोष्ठी आयोजित की गई, जिसमें विशेषज्ञों के एक प्रतिष्ठित पैनल ने भाग लिया। इस आयोजन में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) के उद्योगों, शिक्षा, स्वास्थ्य और समाज पर व्यापक प्रभाव को रेखांकित किया गया और इसके अवसरों और चुनौतियों पर गहन चर्चा हुई। इस संगोष्ठी की अध्यक्षता श्री एम रज़ा (को फाउंडर एक्योर एआई आई), शमशाद अंसारी (सीईओ, एक्योर एआई), मनोज कुमार लाल, संजीव कुमार (डीआरएम हावड़ा) जैसे प्रतिष्ठित विशेषज्ञ शामिल थे, जिन्होंने एआई की प्रगति और इसके प्रभावों पर अपने बहुमूल्य विचार साझा किए।
बीआईटी सिंदरी में उद्यमिता पर विचार मंथन सत्र: “बीआईटी एलुमनाई – रोजगार सृजनकर्ता” विषय पर एक प्रेरणादायक और विचारोत्तेजक सत्र आयोजित किया। यह सत्र छात्रों और पूर्व छात्रों में उद्यमशीलता की सोच को बढ़ावा देने के लिए संस्थान के निरंतर प्रयासों का हिस्सा था। सत्र में प्रतिष्ठित पूर्व छात्रों, पेशेवरों और उद्योग विशेषज्ञों ने भाग लिया और उद्यमिता के क्षेत्र में अपने अनुभव साझा किए, जिससे युवा स्नातकों को नौकरी खोजने वाले के बजाय नौकरी सृजनकर्ता बनने के लिए प्रोत्साहित किया गया। सत्र की अध्यक्षता करते हुए बीआईटी सिंदरी के प्रतिष्ठित पूर्व छात्र रमेश यादव (कंसल्टेंट, सिलिकॉन वैली, कैलिफोर्निया) ने वर्तमान तेजी से बदलती अर्थव्यवस्था में उद्यमिता के महत्व पर प्रकाश डाला।
मिथिलेश ठाकुर (एम.ओ टेक्सटाइल, भारत सरकार) उन्होंने इंजीनियरिंग छात्रों की सोच में बदलाव पर बात की। अमिरेंद्र कुमार चौधरी (बिहार जल संसाधन विभाग) ने अपनी पोस्ट-रिटायरमेंट वेंचर नंदन कानन एग्रीकल्चरल कंपनी के बारे में बात की, जो लीची-आधारित पेय बनाती है।
विनिर्माण उद्योगों में सतत सामग्री की भूमिका
इस सत्र के अध्यक्ष अमरेंदु प्रकाश, चेयरमैन सेल
और उपाध्यक्ष बीके तिवारी, एमडी, बीएसएल बोकारो, पैनल सदस्य आसद आलम, CMD, ब्रेथवेट उपस्थित थे। अमरेंदु प्रकाश ने अपने उद्घाटन भाषण में नवीनतम प्रौद्योगिकियों और नवाचार के महत्व को साझा किया, जिसमें उन्होंने नवाचार, जिम्मेदारी और सहयोग की आवश्यकता पर जोर दिया।