फतेह लाइव, रिपोर्टर
आज धनबाद में विश्व हिंदू परिषद ने पश्चिम बंगाल में हो रही हिंदुओं पर हिंसा के खिलाफ एक दिवसीय धरना प्रदर्शन किया. यह प्रदर्शन रणधीर वर्मा चौक में आयोजित किया गया, जहां पश्चिम बंगाल में बढ़ती हिंसा और हिंदुओं की सुरक्षा को लेकर गंभीर मुद्दे उठाए गए. प्रदर्शन के दौरान महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने राष्ट्रपति महोदया के नाम एक ज्ञापन उपायुक्त को सौंपा गया. इस ज्ञापन में पश्चिम बंगाल में हिंदुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने, बंगाल की हिंसा की जांच एनआईए द्वारा कराए जाने, दोषियों को जल्द से जल्द दंडित करने, और बंगाल की कानून व्यवस्था का संचालन केंद्रीय सुरक्षा बलों को सौंपने की मांग की गई. इसके साथ ही बांग्लादेशी और रोहिंग्या घुसपैठियों की पहचान कर उन्हें निष्कासित करने और बंगाल और बांग्लादेश की सीमा पर तारबंदी करने की भी मांग की गई.
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बंगाल में बढ़ती हिंसा के खिलाफ हिंदू समाज का आक्रोश
इस अवसर पर वक्ताओं ने ममता बनर्जी की सरकार पर भी तीखा हमला करते हुए कहा कि वह अपने राजनीतिक लाभ के लिए बंगाल में संघीय ढांचे को कमजोर कर रही हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि ममता सरकार बांग्लादेशी और रोहिंग्या मुसलमानों को बिना रोक-टोक के बंगाल में आने की अनुमति दे रही है, जिससे राज्य की राष्ट्रीय सुरक्षा खतरे में पड़ चुकी है. वक्ताओं ने कहा कि हिंदुओं के खिलाफ हिंसा दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है और न्यायालय के आदेशों के बावजूद हिंदू त्योहारों को अनुमति नहीं मिल पाती. साथ ही अर्धसैनिक बलों को भी हिंसा के दौरान निशाना बनाया जा रहा है. इस स्थिति में बंगाल में हिंदुओं का अस्तित्व खतरे में पड़ चुका है.
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ममता सरकार के खिलाफ बीजेपी और हिंदू संगठनों का कड़ा विरोध
धरना प्रदर्शन में विश्व हिंदू परिषद के प्रांत प्रचार विभाग के उमाशंकर तिवारी, धनबाद महानगर अध्यक्ष द्वारिका तिवारी, बजरंग दल के संयोजक सोनू सिंह, सहसंयोजक सुमित माली, मंत्री लालू झा समेत कई अन्य पदाधिकारी और कार्यकर्ता उपस्थित हुए. इसके अलावा झरिया, गोविंदपुर, निरसा और टुंडी प्रखंडों से भी बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद के सदस्य उपस्थित थे. उन्होंने एकजुट होकर ममता सरकार की नीतियों की कड़ी आलोचना करते हुए जल्द से जल्द कार्रवाई की मांग की.