अनहोनी हुई तो होगी सरकार और प्रशासन की बदनामी
फतेह लाइव, रिपोर्टर.
कौमी सिख मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अधिवक्ता कुलविंदर सिंह ने जिला उपायुक्त एवं वरीय पुलिस अधीक्षक से आग्रह किया है कि सीजीपीसी (सेंट्रल गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी) के फर्जी प्रधान सरदार भगवान सिंह की असंवैधानिक, गैरकानूनी और जबरिया कार्रवाई पर रोक लगाएं.
कुलविंदर सिंह के अनुसार भगवान सिंह 2022 में फर्जी तरीके से प्रधान बने थे. उस समय उम्मीदवार हरमिंदर सिंह मिंदी ने चुनाव का बायकॉट किया था. दिखावे को मतदान हुआ था और अब वही तरीका साकची गुरुद्वारा कमेटी प्रधान पद के लिए 22 जून को अपनाने की कोशिश में हैं.
भगवान सिंह खुद गलत तरीके से मानगो में पिछले 8 साल से प्रधान हैं. कुलविंदर सिंह के अनुसार एसडीओ मैडम शताब्दी मजूमदार ने 28 मई को चुनाव कराने की जिम्मेवारी सेंट्रल गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी को दे दी किन्तु चार जून को दिए नए आदेश में पुराने आदेश को पलट दिया. इस नए आदेश से स्पष्ट हो गया कि साकची प्रधान का चुनाव उनके अपने संविधान के अनुसार होगा. 10 जून को वह प्रक्रिया पूरी हुई है.
सरदार भगवान सिंह की असंवैधानिक कार्रवाई से 22 जून रविवार को साकची गुरुद्वारा इलाके में कानून व्यवस्था बिगड़ने की पूरी संभावना रहेगी. यदि ऐसा हुआ तो यह जिला प्रशासन और सरकार के लिए बदनामी का कारण बनेगी? कुलविंदर सिंह के अनुसार एसडीओ के आदेश को लेकर झारखंड हाई कोर्ट में सिविल रिट दाखिल है और फैसले का इंतजार भी भगवान सिंह नहीं कर रहे हैं.
कुलविंदर सिंह के अनुसार पूर्व प्रधान गुरमुख सिंह मुखे का व्यक्तिगत आचरण जो भी रहा हो किंतु कभी लोकल गुरुद्वारा की राजनीति में हस्तक्षेप नहीं किया. कुलविंदर सिंह के अनुसार वे एक समझौता के तहत बारीडीह में प्रधान बने. तब गुरमुख सिंह सीजीपीसी प्रधान थे, उनके साथ मुकदमा बाजी है, लेकिन उन्होंने हस्तक्षेप नहीं किया. बल्कि कालांतर में भगवान सिंह ने हस्तक्षेप किया, फर्जी तरीके से वोटर लिस्ट बनाई और फिर धिर्मलिए होने की बात स्वीकार करने वाले को प्रधान बना दिया.