गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, बालिका शिक्षा और शत प्रतिशत नामांकन को लेकर मंत्री रामदास सोरेन ने दिये दिशा-निर्देश
फतेह लाइव, रिपोर्टर.
कोल्हान प्रमंडल के तीनों जिलों में शिक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाने के उद्देश्य से शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन की अध्यक्षता में एक महत्वपूर्ण प्रमंडलीय बैठक आयोजित की गई. यह बैठक जमशेदपुर के निर्मल गेस्ट हाउस में हुई, जिसमें जिले के उपायुक्त और शिक्षा पदाधिकारी शामिल हुए. बैठक में शिक्षा विभाग से संबंधित कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की गई और संबंधित अधिकारियों को दिशा-निर्देश दिए गए. बैठक में सबसे पहले सरकारी, सहायता प्राप्त और निजी विद्यालयों में बच्चों के नामांकन, कक्षा प्रमोशन दर, ड्रॉप आउट रेट, कक्षा में ठहराव, विद्यालयों में पोशाक वितरण, छात्रों के रिजल्ट, शिक्षक छात्र अनुपात, शिक्षा अधिकार अधिनियम के तहत नामांकन जैसे प्रमुख विषयों पर विचार किया गया. साथ ही, आदर्श विद्यालयों, मुख्यमंत्री उत्कृष्ट विद्यालयों, कस्तुरबा विद्यालयों और जनजातीय भाषा में शिक्षा की स्थिति पर भी चर्चा की गई.मंत्री रामदास सोरेन ने कहा कि सरकार का उद्देश्य गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को बढ़ावा देना और बच्चों के शारीरिक एवं मानसिक विकास को सुनिश्चित करना है. उन्होंने यह भी बताया कि शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार सरकार की प्राथमिकताएं हैं, और बालिका शिक्षा को प्रोत्साहित करने के लिए कई उपाय किए जा रहे हैं. उन्होंने सभी जिलों में शत प्रतिशत नामांकन और जीरो ड्रॉप आउट सुनिश्चित करने की बात की. मंत्री ने सभी अधिकारियों को निजी विद्यालयों में पढ़ने वाले सभी बच्चों का यु-डायस पोर्टल पर पंजीकरण सुनिश्चित करने, ड्रॉप आउट बच्चों की मैपिंग करने, और नामांकन अभियान चलाने का निर्देश दिया. इसके अलावा, शिक्षक छात्र अनुपात को सही करने और स्थानीय भाषाओं की पढ़ाई को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर भी जोर दिया.
उन्होंने कस्तुरबा गांधी आवासीय विद्यालयों और मुख्यमंत्री उत्कृष्ट विद्यालयों में शैक्षणिक सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए सरकार के प्रयासों की सराहना की और कहा कि इन विद्यालयों में बच्चों के सर्वांगीण विकास को बढ़ावा दिया जाएगा. रामदास सोरेन ने अधिकारियों को यह निर्देश भी दिया कि वे स्कूलों में आवश्यक सुविधाओं को सुनिश्चित करने के लिए विभागीय अधिकारियों और विद्यालय प्रबंधन के साथ नियमित बैठक करें. उन्होंने निजी विद्यालयों में शिक्षा का स्तर बढ़ाने, बच्चों को अच्छे विद्यालयों में दाखिला दिलाने के लिए विशेष क्लास की व्यवस्था करने और डीएमएफटी फंड से संसाधन जुटाने की बात कही. समाप्ति में मंत्री ने यह भी कहा कि सरकार की ओर से बच्चों को दी जा रही पोशाक, पुस्तक और स्कूल किट का वितरण समय पर होना चाहिए और मध्याहन भोजन योजना में मानक के अनुसार गुणवत्तापूर्ण भोजन बच्चों को प्रदान किया जाए.