फतेह लाइव, रिपोर्टर.
आदित्यपुर नगर निगम की कार्यप्रणाली और मनमानी रवैये के खिलाफ आदित्यपुर में विरोध का स्वर तेज हो गया है. शनिवार से सात पूर्व पार्षदों ने नगर निगम कार्यालय के समीप अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू कर दी है. यहां के प्रशासक रवि प्रकाश हैं. भूख हड़ताल पर बैठे पूर्व पार्षद की मांग तो जायज हैं, लेकिन इससे इतर भी नगर निगम में बहुत कुछ झोलझाल हो रहा है.

बताया जाता है कि आदित्यपुर नगर निगम में प्रशासक के द्वारा एक से 32 वार्ड मेंअस्सिटेंट सिविल इंजीनियर के रहते हुए एक से 10 वार्ड में मैकेनिकल इंजीनियर को सिविल कार्य देखरेख करने के लिए नियुक्त किया गया है.
प्रशासक की मनमानी का आलम तो यह है की जो सरकारी टेंडर हो भी गये हैं. उस टेंडर में ठेकेदार काम मिलने के बाद भी एग्रीमेंट करने नहीं आ रहे हैं. जिससे 90% से अधिक योजना में ठेकेदार बिना एग्रीमेंट किए हुए प्रशासक मनमानी के विरोध में कार्य करने में अपना इंटरेस्ट शो नहीं कर रहे है. जाहिर है कारण वही कमीशन का ही है. सूत्रों के अनुसार एग्रीमेंट के दौरान ही ठेकेदार से पांच प्रतिशत कमीशन की मांग की जा रही है. इन सब कारणों से ठेकेदार काम करने से भाग रहे हैं और विकास कार्य ठप पड़े हैं.
एक अन्य जानकारी के मुताबिक अब तो हाल यह हो चुका है कि उनके चहेते अकाउंट ऑफिसर अमित चौरसिया के द्वारा ज्यादा से ज्यादा सामान जैम पोर्टल के द्वारा तीन गुना रेट में क्रय किये जा रहे हैं और कार्य को डिपार्टमेंटल स्तर से करके सरकारी पैसे का बंदर बांट हो रहा है. विश्वनीय सूत्रों के अनुसार जैम पोर्टल के मार्फत सामान क्रय करने के लिए अब सामाजिक कार्यकर्ता आर टी आई का दरवाजा खट खटाने की तैयारी में लगे हुए हैं.
बहरहाल, भूख हड़ताल पर बैठे पूर्व पार्षदों में नीतू शर्मा, रंजन सिंह, अभिजीत महतो, रिंकू रॉय, ममता बेंज, विक्रम किस्कु, बरजोराम हांसदा का कहना हैं कि नगर निगम प्रशासन जनता के हितों की पूरी तरह अनदेखी कर रहा है और शहर की मूलभूत सुविधाओं पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा.
पूर्व पार्षदों ने आरोप लगाया कि आदित्यपुर नगर निगम में साफ-सफाई, जलापूर्ति, सड़क मरम्मत और नाली निर्माण जैसे बुनियादी कार्य ठप पड़े हैं. बावजूद इसके, निगम अधिकारी आम जनता की समस्याओं की अनदेखी कर रहे हैं. इस कारण क्षेत्र की जनता नाराज है और अब जनप्रतिनिधियों ने जनता के अधिकारों के लिए सड़क पर उतरने का निर्णय लिया है.
धरना स्थल पर बड़ी संख्या में स्थानीय महिला-पुरुष भी पहुंचे और पूर्व पार्षदों के समर्थन में बैठ गए. उनका कहना है कि नगर निगम की कार्यशैली से आम लोग बेहद परेशान हैं. हर बार शिकायत करने के बावजूद कोई ठोस कार्रवाई नहीं होती. इस वजह से अब लोग बदलाव की उम्मीद में इस आंदोलन का हिस्सा बने हैं. पूर्व पार्षदों ने साफ चेतावनी दी है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, भूख हड़ताल जारी रहेगी.
उन्होंने कहा कि यह आंदोलन किसी व्यक्तिगत स्वार्थ के लिए नहीं बल्कि जनता के अधिकारों की लड़ाई के लिए है. फिलहाल नगर निगम प्रशासन की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है.
जय प्रकाश उद्यान की हाईमास्क लाइट पर नहीं है ध्यान
इधर, आदित्यपुर नगर निगम क्षेत्र में स्थित जय प्रकाश उद्यान पार्क में लगी हाईमास्क लाइट का विगत कई दिनों से सीलिंग टूटा हुआ है, जो बड़ी घटना को दावत दे रहा है. यहां सुबह-शाम कई वरीय नागरिक टहलने आते हैं. अगर यह लाइट टूट कर गिर गई तो बड़ी घटना नगर निगम के माथे कलंक लगा सकती है, लेकिन इस ओर ध्यान देने वाला कोई भी जिम्मेदार सामने नजर नहीं आता.



