फतेह लाइव, रिपोर्टर.
ADL सोसाइटी के असंवैधानिक समिति के अध्यक्ष वाई ईश्वर राव के द्वारा नौ जून को संस्थान के आम सभा बुलाने के संबंध में पूर्व महासचिव के गुरुनाथ राव ने एक बयान जारी किया।
उन्होंने कहा कि सबसे पहले तो ये मालूम होना चाहिए की ये कार्यकारिणी समिति ही असंवैधानिक है, जिसे 20/11/2022 को असाधारण आमसभा की बैठक में ADL सोसाइटी के अजीवन सदस्यों ने ईश्वर राव के द्वारा किए जा रहे संस्था विरोधी कार्यों को देखते हुए वर्तमान समिति को भंग करके नई कार्यकारणी समिति का चुनाव कराने का ध्वनिमत से निर्णय लिया था।
तो किस मद से ईश्वर राव ने कल आमसभा बुलाई???
कहा कि वाई ईश्वर राव और उनको कुछ खास लोगो (एन वी आर मूर्ति, पी सिम्हाद्री राव, सी एच रमना, पी रवि प्रकाश, एनी रवि, के नागेश नायडू द्वारा करीब 700 अपने अपने निजी लोगों को ADL सोसाइटी की सदस्यता देकर आम सभा बुला ली. अपने निजी लाभ के लिए, और संस्था के पुराने सदस्यों को जानकारी भी नही दी.
जिसका विरोध के गुरूनाथ राव एवम संस्था के कई अजीवन सदस्यों ने उपायुक्त / अनुमंडलाधिकारी के द्वारा समिति भंग होने के जांच की प्रति मौजूदा नियुक्ति दंडाधिकारी, और कदमा थाना प्रभारी को दी। उसके बाद उन्होंने अनुमंडलाधिकारी को वास्तु स्थिति बता कर आमसभा को रद्द किया गया और पूरे परिसर को खाली करवा दिया गया। आमसभा भंग होने की उद्घोषणा दंडाधिकारी और पुलिस फ़ोर्स के सामने ईश्वर राव द्वारा मंच से की गई। फिर कैसे कहते है पूरा एजेंडा पास हो गया।
टाटा स्टील द्वारा विद्यालय भवन कुछ शर्तों पर मिला जिस्मे नैतिकता भी शामिल है। ईश्वर राव की पूरी अनैतिक कार्यों के बारे टाटा स्टील मैनेजमेंट और JNAC को अवगत करा करा दिया जायेगा। जब सभी अजीवन सदस्यों के चले जाने के बाद बर्खास्त समिति के अध्यक्ष वाई ईश्वर राव और उनके समिति के लोग प्रेस मीडिया को झूठ बोलकर की आम सभा हो गया और सारे प्रस्ताव पास हो गया बोलकर ADL सोसाइटी के अजीवन सदस्यों को और शहर के लोगो को गुमराह किए। इस तरह का कार्य वही कर सकता जो दिमागी संतुलन खो चुका हो। ईश्वर राव अपना पीठ अपने ही थपथपा रहे है।
पूरा एपिसोड शासन के समान और वीडियोग्राफी के त तहत हुआ जो कि दूध का दूध और पानी का पानी। और मैं यही कहना है कि हमेशा जो संविधान को मानता और नैतिक हो उन लोगों की जीत होती है।
उन्होंने कहा कि इसकी जानकारी प्रशासन और मुख्यमंत्री कार्यालय और इंस्पेक्टर जनरल रजिस्ट्रेशन ऑफ़ सोसाइटीज को दे दी गई है।